Singrauli News: समाजसेवी राजेश सोनी ने बिजली विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सिंगरौली जिला उर्जाधानी के नाम से जाना जाता है,आधा दर्जन के लगभग सिंगरौली जिले में पावर प्लांट संचालित हैं,उसके बाद भी सिंगरौली में बिजली कटौती एक नियम बन गया है। बिजली कटौती के सवाल पर बिजली विभाग के अधिकारी ओवर लोड का हवाला देते हैं, और बिजली कटौती से अपना पल्ला झाड़ लेते हैं, लेकिन बिजली विभाग में उपयोग होने वाले बिजली उपकरणों की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नही देता है-Singrauli News
बिजली विभाग के ठेकेदारों के द्वारा ब्रांड के नाम पर डुप्लीकेट उपकरणों का सप्लाई किया जाता और बिजली विभाग के अधिकारी कमीशन और परसेंटेज के चक्कर मे उन घटिया उपकरणों का भुगतान उच्च गुणवत्ता वाले उपकरणों के बराबर में करते हैं। घटिया बिजली के उपकरणों के उपयोग के वजह से बिजली सप्लाई का लोड नही टिकता है। जिसके कारण बार-बार बिजली फॉल्ट होती है। सिंगरौली जिले में फण्ड की कमी नही है। सिंगरौली बिजली विभाग में शासन के फण्ड के साथ साथ सीएसआर और डीएमएफ जैसे राशि का उपयोग किया जाता है। उसके बाद भी घटिया उपकरणों का उपयोग करना और ओवर लोड की बात कहना समझ से परे हैं।
सोनी ने बताया कि बिजली विभाग में उपयोग होने वाले उपकरणों पर यदि गुणवत्ता का ध्यान दे दिया जाए तो निश्चित ही बिजली की ओवर लोड फॉल्ट की समस्या से निजात मिल सकता है और इस भीषण गर्मी में बिजली की कटौती रोकी जा सकती है। क्योंकि अभी तो ये गर्मी में ओवर लोड बताया जा रहा है। 1 महीने के बाद जब मानसून की शुरुआत होगी उस समय तो 8 से 10 घंटे तक बिजली गुल रहती है। बिजली कटौती के इस गंभीर समस्या पर जिम्मेदार अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए ताकि बिजली कटौती रोकी जा सके।