सिंगरौली -शासकीय महाविद्यालय बरका का भवन धरासायी होने के कगार पर पहुंच रहा है। भवन में पड़ी दरारों को देखकर महाविद्यालय प्रबंधन एवं छात्र-छात्राएं भी हमेशा डरे-सहमे रहते हैं।SINGRAULI NEWS
दरअसल सरई तहसील क्षेत्र के बरका में वर्ष 1989 में महाविद्यालय का संचालन हुआ था। उस दौरान चार क्लास रूम, एक स्टाफ एवं लाईबे्ररी तथा क्र ीड़ा तथा एक प्राचार्य कक्ष का निर्माण कराया गया था। किन्तु भवन अब जर्जर हालत में पहुंच चुका है। आलम यह है कि प्राचार्य कक्ष से लेकर क्लास रूम कक्ष की दिवालों में छोटी-बड़ी दरारें पड़ जाने से महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ प्राध्यापक भी हमेशा डरे-सहमे रहते हैं। उन्हें इस बात का डर था कि जर्जर भवन कभी भी धरासायी हो सकता है। इधर कई छात्रों का आरोप है कि जनप्रतिनिधियों ने नवीन भवन निर्माण के लिए कभी सोचा ही नही है।
जबकि एनसीएल व एनटीपीसी के सीएसआर मद या फिर डीएमएफ फण्ड से भवन का निर्माण कार्य कराया जा सकता है। किन्तु जनप्रतिनिधियों का उदासीनता का खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ रहा है। वही चर्चा है कि इस संबंध में कई बार कलेक्टर, प्राचार्य शासकीय अग्रणी महाविद्यालय बैढ़न को भी अवगत कराया जा चुका है। फिर भी अभी तक इस समस्या का समाधान नही निकला है।
जानकारी के अनुसार शासकीय महाविद्यालय बरका में करीब पॉच सैकड़ा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनमें से करीब 80 प्रतिशत से अधिक एससी-एसटी के छात्र-छात्राएं हैं। किन्तु छात्रों के अध्ययन के लिए पर्याप्त कक्ष नही हैं। केवल चार कमरों में क ॉलेज की कक्षाएं चल रही हैं। हालांकि यहां स्नातक तक की कक्षाएं हैं। किन्तु छात्र संख्या लिहाज से कम से कम 10 क्लास रूम की आवश्यकता बताई जा रही हैं। वही स्टाफ एवं लाईबे्ररी कक्ष का भी टोटा होना बताया जा रहा है।