Singrauli News: स्टाफ की कमी से जूझ रहा वन स्टाफ सेन्टर

By Ramesh Kumar

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Singrauli News: जिला मुख्यालय बैढऩ में संचालित वन स्टाफ सेन्टर सिंगरौली स्टाफ की समस्या से जूझ रहा है। यहां केवल एक ही केस वर्क र हैं। जबकि तीन पद स्वीकृत हैं। आरोप है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी आउटसोर्स एनजीओ के कर्ता-धर्ता पर भारी है। डीपीओ के आगे आउटसोर्स के कर्ता-धर्ता भी बेवश हैं–Singrauli News

गौरतलब है कि वन स्टाफ सेन्टर सिंगरौली जिला मुख्यालय बैढऩ में जय प्रकाश नारायण युवामण्डल एनजीओ को आउटसोर्स के आधार पर कर्मचारियों की उपल्बधता कराने के निर्देश हैं। किंतु सूत्र बताते है कि आउटसोर्स के कर्ता-धर्ता की एक भी नही चल रही है। डीपीओ राजेशराम गुप्ता वन स्टाफ सेन्टर में पूरी तरह से हावी हैं। डीपीओ के आगे यहां एक पत्ता भी नही हिलता। हालांकि लैखिक रूप से सब कुछ आउटसोर्स एनजीओ है। किंतु उक्त एनजीओ का अधिकार कागजों तक ही सीमित है। जानकारी में बताया जा रहा है कि यहां तीन केस वर्क र के पद स्वीकृत हैं। मौजूदा समय में कई महीनों से केस वर्करों के दो पद रिक्त पड़े हुये हैं।

3 जनवरी 2022 को चयनित एवं प्रतिक्षारत कर्मचारियों की सूची भी जय प्रकाश नारायण युवामण्डल को उपल्बध कराया गया था। जिसमें प्रतिक्षा सूची में सोनाली दीवान एवं सरीता अग्रिहोत्री का नाम शामिल था। लेकिन प्रतिक्षारत उक्त महिलाओं की नियुक्ति आज तक नही की गई है। जबकि केस वर्कर मानमती सिंह एवं मंजू सिंह ने पद छोड़ दिया है। फिर भी प्रतिक्षारत के स वर्कर दो महिलाएं नियुक्ति पाने के लिए इधर-उधर भटकते हुये कई महीनों से इंतजार में बैठी हुई हैं। हालांकि रिक्त केस वर्करों की नियुक्ति के लिए वन स्टाफ सेन्टर के प्रशासक एवं आउटसोर्स के अध्यक्ष द्वारा डीपीओ को पत्र भी लिखा जा चुका है।

फिर भी डीपीओ द्वारा प्रतिक्षारत केस वर्करों की नियुक्ति करने से भागते नजर आ रहें हैं। इसके पीछे डीपीओ की मंशा क्या है। इसे तो वही बताएंगे। लेकिन केस वर्कर न होने से वन स्टाफ सेन्टर की पूरी जवाबदेही इकलौते केस वर्कर एवं प्रशासक पर है। जहां केस वर्कर 12 घण्टे से अधिक कामकाज देख रही हैं। फिलहाल वन स्टाफ सेन्टर में डीपीओ की दखल अंदाजी को लेकर व्यवस्थाएं पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हैं। वही जनवरी महीने के पूर्व पिछले वर्ष वन स्टाफ सेन्टर मे ठहरने वाली महिलाओं एवं बालिकाओं को भोजन के नाम पर भी गड़बड़ झाला करने की चर्चाए करना इन दिनों जोरो पर हैं। इसमें कितनी सच्चाई है। इसे तो डीपीओ ही बताएंगे और भोपाल भी बार-बार तलब क्यो किया जा रहा है। कही ज्यादा रकम तो खर्च तो नही किया है। जिसको लेकर बार-बार भोपाल तलब किया जा रहा है।

नई नियुक्तियां कराने का फेर तो नही?

वन स्टाफ सेन्टर में दो केस वर्करों के पद कई महीनों से रिक्त है और प्रतिक्षा सूची में शामिल सरिता अग्रिहोत्री एवं सोनाली दीवान को नियुक्ति पत्र अभी तक नही दिया गया। बल्कि चर्चाएं है कि नये सिरे से आवेदन पत्र मंगाकर भर्ती की जाएंगी। हालांकि लोकसभा चुनाव तक मामला लटका रहेगा और चुनाव के बाद कही प्रतिक्षा सूची में शामिल अभ्यर्थियों को नजर अंदाज कर भर्ती की नई प्रक्रिया कही शुरू न कर दी जाये। उधर यह भी चर्चाएं हैं कि सुरक्षा गार्डो की भर्ती में तीन पुरूषों को रखना था। किंतु दो महिलाओं को भी सुरक्षाकर्मी के पद पर रख लिया गया है। जबकि शासन के निर्देशानुसार तीनों पुरूष सुरक्षाकर्मी होना चाहिए। यहां भी डीपीओ की चली है। वन स्टाफ सेन्टर को लेकर डीपीओ महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी कार्यप्रणाली इन दिनों चर्चाओं में है।

इनका कहना:-

वन स्टाफ सेन्टर सिंगरौली में स्टाफ की समस्या है। डीपीओ आईसीडीएस सिंगरौली को भी कई बार पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है। स्टाफ की कमी से दिक्कते उठानी पड़ रही हैं।

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