Singrauli news: प्रदूषण की स्थिति खराब होने के पीछे यह मानी जा रही प्रमुख वजह, न तो कोल हैंडलिंग प्लांट और न रैपिड लोडिंग सिस्टम बनाया

By Awanish Tiwari

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Singrauli news: प्रदूषण की स्थिति खराब होने के पीछे यह मानी जा रही प्रमुख वजह, न तो कोल हैंडलिंग प्लांट और न रैपिड लोडिंग सिस्टम बनाया

Singrauli News: प्रदूषण का स्तर सुधारने के लिए companies को कोल हैंडलिंग plant व रैपिड लोडिंग सिस्टम की स्थापना करने का निर्देश दिया गया था। जिससे energy container में खतरनाक स्तर पर पहुंच रहे प्रदूषण(pollution) को कम किया जा सके। मगर औद्योगिक companies इस मंशा पर पानी फेर रही हैं। सुलियरी कोल खदान को मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुयालय Bhopal की ओर से निर्देश जारी किया गया है कि वर्ष 2025 तक में कोल हैंडलिंग प्लांट का निर्माण पूरा करना था। मगर कपंनी ने नहीं किया है। इसके अलावा एनसीएल की निगाही, अमलोरी, झिंगुरदा व दुद्धीचुआ परियोजना सहित APMDC ने भी निर्देश को नजरअंदाज किया है। जिससे कपंनियों के क्षेत्र में आबोहवा ज्यादा खराब है। बताया गया है कि जिला मुयालय सहित अन्य क्षेत्रों की तुलना में मोरवा, जयंत, गोरबी, निगाही व गजराबहरा सहित सरई में एक्यूआई साढ़े तीन सौ से अधिक रहती है। जबकि वैसे भी जिले में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब है। प्रदूषण में ऊर्जाधानी देश की राजधानी को टक्कर दे रहा है। यदि कोल हैंडलिंग प्लांट व रैपिड लोडिंग सिस्टम की स्थापना औद्योगिक कंपनियां कर लें तो उड़ रही कोयले की धूल से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। मगर ऐसा नहीं किया जा रहा है और अभी भी सडक़ मार्ग से कोयले का परिवहन जारी है।

अधिकारियों का दावा(officials claim)

Regional प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी संजीव मेहरा ने बताया कि मुहेर और मुहेर अमलोरी एक्सटेंशन कोल माइन सहित जेपी अमिलिया नाथ कोल खदान की ओर से रेलवे मार्ग के जरिए विद्युत तापीय कंपनियों तक पहुंचाया जा रहा है। साथ ही coal handling plant के निर्माण में NCL ने भी सकारात्मक काम किया है। यह बात और है कि NCL की कुछ परियोजनाओं में यह काम अधूरा है। जिसे पूरा करने की कवायद की जा रही है।

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