जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर में उपचार के बाद बच्चों की हुई काउंसलिंग, हुई छुट्टी
सिंगरौली : शासकीय माध्यमिक विद्यालय पिपराझांपी के 16 बच्चे व एक शिक्षिका की शनिवार को दोपहर एकाएक हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल बैैढ़न में भर्ती कराया गया था।
बच्चों का उपचार करने वाले डॉक्टर ने बताया कि सभी बच्चे डर की वजह से बीमार हुए थे, तथा एक-एक कर बच्चों को बीमार होता देख बच्चों को बीमार होता देख शिक्षिका की हालत बिगड़ गई थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों के डर की वजह वो सफेद साड़ी में नजर आने वाला साया था, जिसके बारे में बच्चों ने डॉक्टर को बताया।
शासकीय मावि पिपराझांपी के बीमार हुए बच्चों को जब 7 दिसंबर को जिला अस्पताल लाया गया तो यह माना जा रहा था कि कोई दूषित खाना या पानी की वजह से उनकी हालत बिगड़ी है। एक साथ 16 बच्चों एवं उनकी शिक्षिका के बीमार होने की ाबर लगते ही कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी भी जिला अस्पताल पहुंचे थे। यह अलग बात है कि सीएमएचओ डॉ. एनके जैन ने जरूर अजीबोगरीब कारण लू लगना बताया था। जिसे सुनकर मीडियाकर्मियों सहित कलेक्टर भी आश्चर्यचकित हो गए थे, क्योंकि सर्दी के मौसम में लू लगने का सवाल ही पैदा नहीं होता। जिला अस्पताल में बच्चों का इलाज करने वाले डॉ. संदीप भगत ने बताया कि सभी बच्चों की हालत डर की वजह से बिगड़ी थी।
डर की वजह से उन्हें घबराहट होने पर चक्कर आदि आने की समस्या हुई थी। अस्पताल में उपचार के बाद बच्चों की स्थिति जब सामान्य हुई तो डॉ. भगत ने बच्चों से पूछा कि क्या बात हो गई थी, और आप लोग क्यों डर गए थे। बकौल डॉ. भगत, दो छात्राओं ने बताया कि हमें स्कूल में एक सफेद रंग की साड़ी पहने हुए एक छाया नजर आई थी। जिसे देखकर एक-एक करके सभी बच्चे ंबुरी तरह डर गए और उनकी हालत बिगड़ने लगी। डॉ. भगत का कहना है कि बच्चों को साइकलॉजिकल अटैक आया था, जिस वजह से उनकी ऐसी हालत हो गई थी। जब बच्चों की हालत शिक्षिका ने देखी तो वो भी घबरा गईं थीं, इसलिए उनकी भी तबियत बिगड़ गई थी।