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Singrauli News :मामला मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के विकासखंड चितरंगी के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला झरकटिया का, जहां एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर स्कूलों की हालत सुधारने का दावा कर राहत देती है, लेकिन हकीकत जमीनी हकीकत ये है कि ये सब दावों की पोल खोलता है. जिले के ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल लचर है. शिक्षकों की लापरवाही के कारण बच्चों का भविष्य खतरे में है, इस स्कूल की तस्वीर शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है, स्कूल में मौजूद शिक्षक चैंबर में बैठकर चुपचाप झगड़ रहे हैं और बच्चे पीरियड के दौरान मनमाने खेल खेल रहे हैं . इस विद्यालय में दोपहर के भोजन के लिए 1:30 से 4:00 बजे तक अवकाश रहता है। उपस्थित शिक्षकों से पूछने पर बताया गया कि छुट्टी है.Singrauli News
बच्चे खुले आसमान के निचे पढ़ाई करने को मजबूर
विद्यालय में बने भवन की स्थिति जर्जर छत टूटी होने के करण स्कूल के छात्र खुले आसमान के निचे खिलखिलाती हुई धूप में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं विद्यालय में बने शौचालय चालू हालत में नहीं होने से छात्र, छात्राओं को काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
स्कूल की हालत देखकर अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते हैं इन सब के बावजूद जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझ रहे हैं।
शिक्षा नीतियों को लग रहा पलीता
बता दें कि सरकार की शिक्षा का अधिकार और सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं में पलीता लगाया जा रहा है लेकिन शासन प्रशासन आंख कान मूंदकर बैठा है स्कूल में बेंच नहीं विद्यालय जर्जर हालत में विद्यालय में शौचालय की व्यवस्था नहीं बच्चे खुले आसमान में पढ़ने को मजबूर हैं, हमारे शिक्षण संस्थानों का यह तस्वीर सरकार के सुशासन के नारे को चिड़ा रही है