Singrauli News: तीसरी बार लटका बलियरी के बररूद कारखानों का स्थानांतरण

By Ramesh Kumar

Published on:

Singrauli News

Singrauli News: बलियरी में संचालित बारूद फैक्ट्रियों के स्थानांतरण में एक बार फिर पेंच फंसता नजर आ रहा है। पहले डगा, फिर फुलवारी और अब तलवा इंडस्ट्रियल एरिया में कारखानों को स्थापित करने की योजना फेल होती दिखायी रही है। सूत्रों की मानें तो तलवा में अब तक चली नाप-जोख और सर्वेक्षण कार्य के उपरांत राजस्व विभाग ने भूमि एमपीआईडीसी को स्थानांतरित नहीं की है बल्कि इस भूमि को एक निजी कंपनी को देने को मामला सामने आ रहा है–Singrauli News

बीते सप्ताह आनन-फानन राजस्व और एमपीआईडीसी ने मिलकर तलवा में 85 हेक्टेयर भूमि का सीमांकन और सर्वे किया था। जो बरगवां से करीब 15 किमी दूर था और कम आबादी वाला क्षेत्र था। ऐसा माना जा रहा था कि राजस्व विभाग जल्द ही यह भूमि एमपीआईडीसी को इस भूमि का आधिपत्य में दे देगा लेकिन एमपीआईडीसी की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गयीं और इस भूमि को राजस्व विभाग ने फिलहाल अपने पास ही रखा है। सूत्रों की मानें तो इस भूमि को अदाणी कंपनी को निजी उपयोग के लिए दिया जायेगा।

इस प्रकार तीसरी बार बारूदी कारखानों के स्थानांतरित होने का मामला लटक गया है। यदि इन कारखानों को बलियरी से कहीं भी स्थानांतरित करना है तो एक बार फिर नये सिरे से लगभग 90 हेक्टेयर जमीन तलाश करनी होगी, जहां पर इन कारखानों को शिफ्ट किया जा सकेगा। तीसरी बार इस भूमि के निरस्त हो जाने से इस वर्ष बलियरी से बारूद बनाने वाले कारखाने स्थानांतरित हो जायेंगे, यह कहना मुश्किल ही होगा।

एमपीआईडीसी के पास कई स्थानों में पर्याप्त भूमि पड़ी हुई है लेकिन इन कारखानों के लिए अलग से जमीन खोजी जा रही है। वर्ना जिस प्रकार बिना विकसित किए हुए ही कई-कई हेक्टेयर कोल वॉशरी संचालकों के लिए आवंटित कर दी गई। उसी प्रकार इन कारखानों को भी स्थान दिया जा सकता है। जिला मुख्यालय वैढ़न के बलियरी से होकर बीच शहर से होकर जाने वाले एक्सप्लोसिव कारखानों के वाहनों को भी निकलने पर बार-बार जिला प्रशासन के द्वारा प्रतिबंधित कर दिया जाता है।

जनवरी में आए कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, छह महीने के अंदर इन कारखानों को स्थानांतरित करने के बाद कोर्ट को अवगत कराना होगा। इसके लिए जिला प्रशासन को जवाब देना होगा। इस मामले में एमपीआईडीसी को भी जवाब देना है कि बार-बार इन कारखानों को स्थानांतरित क्यों नही किया जा रहा है। जबकि इन्हें आबादी से दूर कहीं और स्थापित करने को लेकर बलियरी विस्फोट के बाद से ही योजना बनाई जा रही है। तब से अब तक सभी जिला कलेक्टरों व तत्कालीन सीएम ने भी बलियरी से कारखानों को हटाने को सही ठहराया था।

विस्फोट की घटना के बाद से इन कारखानों के लाइसेंस अस्थायी कर दिए गये हैं। उन्हें हर तीसरे महीने लाइसेंस का नवीनीकरण कराना पड़ता है। लाइसेंस की अवधि समाप्त होते ही संचालकों को रिन्युअल कराने की समस्या बनी रहती है। कई बार तो समयावधि बीत जाने पर संचालकों के स्टॉक सील कर दिए जाते हैं। उनका मानना है कि यदि उन्हें कहीं और स्थानांतरित कर दिया जाता है तो पूर्व की तरह पूरे एक साल या उससे भी अवधि के लिए उनके लाइसेंस रिन्युअल होने लगेंगे और काम करने में आसानी होगी।

ये भी पढ़े :Cement Sariya Price Today: घर बनाने का सपना हुआ और भी आसान, सस्ते हुए सरिया और सीमेंट के दाम

Leave a Comment