सिंगरौली न्यूज़ : मोरवा विस्थापन के संदर्भ में सांसद सीधी द्वारा लिखित पत्र का केंद्रीय कोयला मंत्री ने दिया बिंदु वार जवाब

By Awanish Tiwari

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सिंगरौली न्यूज़  । मोरवा विस्थापन के विषय को लेकर सांसद सीधी डा. राजेश मिश्रा द्वारा 3 जुलाई 2024 को केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से मिलकर मोरवा के सुव्यवस्थित विस्थापन के विषय में एक पत्र प्रस्तुत किया गया था । पत्र में सांसद द्वारा विस्थापन तथा पुनर्वास संबंधित विभिन्न विषयों को गंभीरता से विचार हेतु आग्रह किया गया था। जिस विषय को गंभीरता से संज्ञान लेते हुए कोयला मंत्री ने केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री सतीश चन्द्र दुबे को सिंगरौली भेजा तथा वास्तविक वस्तुस्थिति से अवगत कराने को कहा। कोयला राज्यमंत्री द्वारा 14 एवं 15 जुलाई को सिंगरौली क्षेत्र का दौरा किया उनके द्वारा मोरवा विस्थापन की समीक्षा की गई। कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने सांसद सीधी को भेजे पत्र में प्रस्तावित विस्थापन प्रक्रिया की वर्तमान वस्तुस्थिति की बिंदु वार जानकारी दी है।

पत्र में कहा गया है कि घरों / भवनों / परिसंपत्तियों के आंकलन हेतु एवं परियोजना प्रभावित परिवारों की सूची तैयार करने हेतु, दिनांक 16 जुलाई 2024 से भौतिक सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया गया है एवं इस भौतिक सर्वेक्षण के कार्य जारी हैं।जिला प्रशासन (सिंगरौली) के सहयोग से मोरवा के सुव्यवस्थित पुनर्स्थापन हेतु, सिंगरौली जिले में शासकीय भूमि को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है। पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 [क्रस्नष्टञ्जरु्रक्रक्र ्रष्ह्ल, 2013] की पहली अनुसूची के अनुसार भूमि एवं परिसंपत्तियों के मुआवजे का निर्धारण किया जायेगा और इस अधिनियम की दूसरी अनुसूची के अनुसार विभिन्न पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के लाभ दिए जायेंगे।

सिंगरौली न्यूज़  : एन.सी.एल. की वर्तमान पद्धति अनुसार विस्थापन की प्रक्रिया के दौरान भौतिक सर्वेक्षण के आंकड़ों को संकलित किया जायेगा और स्थानीय समाचार पत्रों में एवं एन. सी. एल. की वेबसाइट पर सूचना प्रकाशित की जाएगी।इसके उपरांत भौतिक सर्वेक्षण से सम्बंधित शिकायतों का समाधान किया जायेगा, फिर अंतिम सूचना स्थानीय समाचार पत्र में फिर से प्रकाशित की जाएगी। सर्वेक्षण डेटा को अंतिम रूप देने के बाद, सक्षम अनुमोदन के बाद परियोजना प्रभावित परिवारों को मुआवजा और आर एंड आर लाभ दिया जायेगा।भौतिक सर्वेक्षण के दौरान एन. सी. एल. प्रबंधन के द्वारा लगातार विस्थापितों के प्रतिनिधियों से संपर्क रखा जा रहा है और सुचारू एवं सुव्यवस्थित पुनर्स्थापन हेतु समय-समय पर बैठक आयोजित करके भी विस्तृत चर्चा की जा रही है।

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