Ujjain News: धर्म के सहारे शराबबंदी की ओर सरकार

By Awanish Tiwari

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धार्मिक नगरों की बंद शराब दुकानें दूसरी जगह नहीं खुलेंगीं

Ujjain News: उज्जैन के शहर कोतवाल काल भैरव मंदिर में God को शराब का भोग लगता है। नई शराबनीति(liquor policy) से संशय है कि यहां शराब का विक्रय होगा या नहीं। आबकारी सहायक आयुक्त राज नारायण Sony का कहना है, काल भैरव मंदिर(Kaal Bhairav ​​Temple) को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है और न यहां शराब चढ़ाने या बिक्री पर प्रतिबंध की बात सामने आई है। इस पर सरकार ही निर्णय करेगी। भैरव मंदिर के बाहर दो शासकीय दुकानें हैं, जिनसे रोज 5 लाख तक की शराब बिकती है। विशेष दिनों में बिक्री 10 लाख पार होती है।

परंपरा(legacy) का होना चाहिए निर्वहन : महानिर्वाणी अखाड़े के महंत और महाकाल मंदिर(Mahakal Temple) के गादीपति विनीत गिरी का कहना है कि धार्मिक शहरों में शराबबंदी(prohibition of alcohol) स्वागत योग्य हैं। कालभैरव को प्रसाद चढ़ाने की परंपरा का निर्वहन होते रहना चाहिए। इस तरह की नीति तैयार करना होगी ताकि भक्त चढ़ावे के लिए शराब प्रसाद खरीद सकें।

भोपाल, उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर(Bhopal. Ujjain, Omkareshwar, Maheshwar) सहित 19 धार्मिक नगरों में शराबबंदी रहेगी। यानी यहां कोई भी शराब नहीं होगी। यहां से बंद हुई शराब दुकानों कहीं और शिफ्ट नहीं होंगीं। अप्रेल से कैबिनेट का यह निर्णय लागू होगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव(Chief Minister Dr. Mohan Yadav) की अध्यक्षता में देवी अहिल्या की 300वीं जयंती पर महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया।  सरकार का इस ओर ध्यान खींचा। इस फैसले से करीब 47 दुकानें स्थायी रूप से बंद होंगी। इनमें उज्जैन नगर निगम, 6 नगर पालिका (मंडला, मुलताई, मंदसौर, मैहर, दतिया, पन्ना), 6 नगर परिषद (अमरकंटक, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट) और 6 ग्राम पंचायत (सलकनपुर, कुंडलपुर, बरमान कलां, लिंगा, बरमानखुर्द, बांदकपुर) शामिल हैं। सरकार को 500 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा। अब तक नर्मदा तट के 20 जिलों में 5 किमी तक शराबबंदी लागू थी। उज्जैन समेत धार्मिक शहरों(cities) में मुख्य स्थानों से 100-200 मीटर दायरे में पाबंदी थी।

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