लखनऊ में 2.5 साल की बच्ची से दुष्कर्म का आरोपी एनकाउंटर में ढेर: यूपी पुलिस की त्वरित कार्रवाई
लखनऊ |
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2.5 साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। अब इस मामले में आरोपी दीपक वर्मा को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। यह कार्रवाई गुरुवार देर रात आलमबाग के मवैया क्षेत्र में की गई।
300 से ज्यादा CCTV फुटेज से पकड़ा सुराग
पुलिस ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए 300 से अधिक CCTV कैमरों की जांच, तकनीकी विश्लेषण, और मानव खुफिया सूचना के आधार पर आरोपी की पहचान की थी। दीपक वर्मा, जो ऐशबाग का निवासी था, रेलवे स्टेशन के आसपास पानी बेचने और झांकियां सजाने का काम करता था।
एक लाख रुपये का इनाम, पांच टीमें गठित
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आरोपी दीपक पर ₹1 लाख का इनाम घोषित किया था। उसकी तलाश में पांच विशेष टीमें गठित की गईं थीं। बच्ची के साथ घिनौनी वारदात को अंजाम देने के बाद वह लगातार स्थान बदलता रहा।
एनकाउंटर में मारा गया दीपक वर्मा
गुरुवार रात को पुलिस को सूचना मिली कि दीपक मवैया क्षेत्र में छिपा है। घेराबंदी की गई, लेकिन आरोपी ने पुलिस पर गोली चलाई और भागने की कोशिश की। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दीपक वर्मा को गोली लगी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सराहना और सवाल
इस त्वरित कार्रवाई की प्रदेशभर में प्रशंसा हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस टीम को सम्मानित करने की घोषणा की है। वहीं, मानवाधिकार संगठनों ने न्यायिक प्रक्रिया की अनदेखी पर चिंता जताई है।
जनता का आक्रोश और पुलिस की चेतावनी
लखनऊ और आसपास के इलाकों में लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा था। बच्ची की हालत नाजुक बनी हुई है और उसका इलाज केजीएमयू में चल रहा है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम जारी रहेगा।
यह मामला न केवल कानून व्यवस्था की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि समाज अब ऐसे अपराधों को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। दीपक वर्मा का अंत एक मिसाल बन गया है, लेकिन यह भी याद रखने की जरूरत है कि सुरक्षा और न्याय में संतुलन बनाए रखना अब पुलिस और प्रशासन दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।