राहगीर जाम से जूझते रहे, ट्रैफिक पुलिस नदारद रही
बिना डीएसपी के चल रहा ट्रैफिक थाना, हर चौराहे पर जाम, अतिक्रमण और ठेले
रीवा: शहर में त्योहारों (festivals) के बिना ही हर सड़क और चौराहे (intersection) पर भीड़ का जाम लग रहा है। दिवाली नजदीक आते ही ट्रैफिक जाम (traffic jam) की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। पिछले दो दिनों से राहगीर जाम (Pedestrian jam) से जूझ रहे हैं और ट्रैफिक पुलिस नदारद है। कोई भी सड़क ऐसी नहीं है जहाँ जाम न हो। हालात ऐसे हैं कि एंबुलेंस भी जाम में फंसी रहती हैं। गौरतलब (noteworthy) है कि शहर का तेजी से विस्तार हो रहा है और वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। फ्लाईओवर बनने के बाद भी जाम से निजात नहीं (no relief) मिल रही है।
दरअसल, सड़कें चौड़ी तो हैं, लेकिन अस्थायी अतिक्रमण (temporary encroachment) के कारण जाम लग रहा है। करवा चौथ की खरीदारी (shopping) दो दिनों से चल रही है, ऐसे में मुख्य बाजार (main market) समेत सभी सड़कें जाम में फंसी हुई हैं। शाम के समय शिल्पी प्लाजा ए-ब्लॉक, प्रकाश चौराहा, घोड़ा चौराहा, अस्पताल चौराहा (hospital square) और सिरमौर चौराहा के साथ ही जयस्तंभ पर भी जाम लग गया। नतीजतन, कई यात्रियों की रेवांचल ट्रेन भी छूट गई। अक्सर शाम के समय (In the evening) सिरमौर चौराहा और जयस्तंभ के पास लंबा जाम लग जाता है और राहगीर दिन भर अमहिया रोड समेत अन्य सड़कों पर जाम से जूझते रहते हैं। शहर में ट्रैफिक पुलिस नहीं (no traffic police) होने के कारण लोग खुद ही जाम से निपटते हैं।
ऑटो रिक्शा के अलावा, इस समय सिर दर्द (Headache) शहर में ई-रिक्शा भी चल रहे हैं। ई-रिक्शा की संख्या ऑटो से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। ई-रिक्शा विभिन्न मार्गों और संकरी गलियों (narrow streets) में पहुंच जाते हैं। कोई निश्चित स्टॉप नहीं है, जहां खड़े होने का, जो चाहे वहीं खड़ा हो जाता है। चलते-चलते अचानक (Suddenly) बीच सड़क पर रुक जाते हैं, जिससे कई दुर्घटनाएं (accidents) हो चुकी हैं। ई-रिक्शा के कारण ट्रैफिक जाम (traffic jam) की समस्या बढ़ गई है। चौराहे पर चारों तरफ ई-रिक्शा खड़े रहते हैं, जिससे अन्य वाहनों का निकलना मुश्किल (difficult) हो जाता है और ट्रैफिक जाम की समस्या हो जाती है। ई-रिक्शा के लिए गाइडलाइन (guideline) बनाने की जरूरत है, तभी इस समस्या का समाधान (Solution) हो सकता है।
कई महीनों से डीएसपी का पद खाली
ट्रैफिक थाने में कई पद खाली स्वीकृत पदों में से अधिकांश (most of) खाली हैं। पिछले कई महीनों से डीएसपी की तैनाती (deployment) नहीं हुई है। पहले यहां एक डीएसपी की तैनाती थी, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था (traffic management) और थाने का संचालन बेहतर होता था, लेकिन कई महीनों से डीएसपी का पद खाली है। ऐसे में ट्रैफिक थाना बेलगाम (unbridled) हो गया है। चौराहे पर ट्रैफिक जाम रहता है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस नजर नहीं आती। डीएसपी के अलावा कई अन्य पद खाली हैं, जबकि शहर का क्षेत्रफल (Area) तेजी से बढ़ रहा है और वाहनों की संख्या (Number) भी बढ़ रही है।