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जमुई (ईएमएस)। बिहार में एक बार फिर बीपीएससी शिक्षक (bpsc teacher) का पकड़ौआ विवाह का मामला सामने आया है। जमुई के गिद्धौर में पदस्थापित बीपीएससी नियोजित शिक्षक को लड़की के घर वालों ने जबरन उठा लिया और मंदिर में ले जाकर उसकी शादी करा दी। हालांकि अब इस पूरे मामले के बाद बीपीएससी शिक्षक ने उसे रात का पूरा सच बताया है। बीपीएससी शिक्षक ने बताया कि किस तरह उसके कमरे में 50 लोग जबरन घुस आए और खींचते हुए मंदिर ले चले गए।
उसने यह भी बताया की शादी के दौरान लड़की की मांग में सिंदूर भी नहीं भरा। इसके बावजूद शादी कर दी गई। शिक्षक का कहना है कि इस पूरे मामले के पीछे उसे बदनाम करने की सजिश रची है। गिद्धौर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बनझूलिया में पदस्थापित बीपीएससी शिक्षक मुकेश कुमार वर्मा का कहना है कि उनका पदस्थापन गिद्धौर में होने के बाद यहीं एक किराए के कमरे में रहा करते हैं। शिक्षक ने यह भी बताया कि देर शाम वह विद्यालय से लौट कर सब्जी बनाने की तैयारी में थे, तभी अचानक किसी ने उनका दरवाजा खटखटाया। जब दरवाजा खोला तब करीब 15 की संख्या में लोग उसके कमरे में घुस आये और उसे पकड़ लिया।
फिर सब लोग उसे खींचकर कमरे से बाहर ले आए। कमरे से बाहर निकालने के बाद देखा कि करीब 50 की संख्या में लोग खड़े थे और सभी लोगों ने मिलकर उठा लिया और लेकर मंदिर चले आए। इस दौरान शिक्षक बेहोश हो गए। उनकी आंख खुली तो वह मंदिर के बीचो-बीच जमीन पर पड़ा हुआ था और किसी ने उनके आंखों पर पानी का छींटा मारा तब होश आया। उन्होंने बताया कि लड़की की मांग में सिंदूर ही नहीं डाला है तो फिर शादी कैसे हो गई।
उनका कहना है कि लड़की ने खुद अपनी मांग में सिंदूर डाल लिया और अपना हाथ उनके कपड़ों में पोंछ दिया, जिसके बाद लड़की दावा कर रही है कि शादी कर लिया है लेकिन यह शादी है ही नहीं। जब उनसे पूछा गया कि पूरे मामले में लड़की ने यह दावा किया था कि उनका प्रेम-प्रसंग लड़के के साथ चल रहा था, इस सवाल के जवाब में शिक्षक ने बताया कि लड़की के परिजन और मेरे परिजन एक दूसरे के परिचित हैं और इसी कारण एक दूसरे को जानते हैं। उन्होंने प्रेम संबंध की बातों को एक सिरे से खारिज कर दिया है। शिक्षक ने कहा कि यह शादी मेरी मर्जी के खिलाफ हुई है और जबरदस्ती कराई गई है, इसलिए इस शादी को नहीं मानता और ना हीं कभी पूर्णिमा को अपनी पत्नी स्वीकार कर सकूंगा।