सरकारी बजट से 600 करोड़ हुए गायब! फाइलें गुम, जवाबदार चुप कौन भरेगा जवाबदेही का बिल,

By Awanish Tiwari

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सरकारी बजट से 600 करोड़ हुए गायब! फाइलें गुम, जवाबदार चुप कौन भरेगा जवाबदेही का बिल,

Bhopal News: मध्य प्रदेश में एक बार फिर सवाल गूंजे हैं, लेकिन जवाब कहीं नजर नहीं आ रहे! कुल 600 करोड़ रुपए इधर और उधर में लटके हैं, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नया नगर निगम बजट पेश किया गया है, लेकिन 20 दिन बाद भी नगर निगम का खजाना बंद है। भाजपा और कांग्रेस के पार्षद संशोधित बजट को खर्च करने के नाम पर 600 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं और सरकार से लेकर सिस्टम तक सब चुप हैं। जानकारी के अनुसार, ये राशि विभिन्न सरकारी योजनाओं, विकास परियोजनाओं और विभागीय व्यय में दर्शाई गई, लेकिन जमीनी स्तर पर न तो लाभ का पता चला और न ही ठोस रिकॉर्ड! अब सवाल यह उठता है कि “पैसा कहां गया?”

भाजपा-कांग्रेस पार्षद लगा रहे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

बीजेपी पार्षद शैलेष साहू(BJP Councilor Shailesh Sahu) और कांग्रेस पार्षद रेहाना सुल्तान ने भ्रष्टाचार (Bhopal Municipal Council Corruption) के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस बीच, नगर निगम का खजाना बंद होने से अप्रैल का वेतन वितरित करना भी मुश्किल हो रहा है। इस बीच विकास कार्यों का भुगतान न होने के कारण ठेकेदारों ने एक-एक कर काम बंद कर दिया है।

प्राप्त हो रही शिकायतें

इस मामले में सवाल पूछने वाले पार्षद की ओर से लिखित शिकायत प्राप्त हुई है। MIC से जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने बजट संबंधी औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए हैं। – किशन सूर्यवंशी, सभापति, नगर निगम

धन की कमी के कारण ये कार्य रुके

शहर में प्रमुख जल स्रोतों से लेकर सैम्पवेल और नगर निगम के टैंकों तक नेटवर्क तैयार करने वाली ठेकेदार तापी एंटरप्राइजेज पर पैसे की कमी के कारण 37.2 करोड़ रुपए बकाया चल रहे हैं। काम बंद करने के कारण नगर निगम ने कंपनी(Municipal Corporation Company) को काली सूची में डाल दिया है।

सुराना, जो आंतरिक शहर में पाइपलाइन नेटवर्क विकसित कर रही है, पर 16 मिलियन रुपए बकाया है। कंपनी को टुकड़ों में भुगतान किया जा रहा है। गर्मियों में पाइपलाइन नेटवर्क बिछाने वाले ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं।

नगर निगम शहर की स्ट्रीट लाइट, वार्ड की आंतरिक लाइटिंग, सार्वजनिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों को रोशन करने के लिए जिम्मेदार है। ठेकेदार पर नगर निगम का 4 करोड़ रुपए बकाया है। सबके लिए आवास परियोजना को पूरा करने के लिए नगर निगम को तत्काल 10 करोड़ रुपये की जरूरत है। काम कराने वाले ठेकेदारों पर 50 करोड़ रुपए से अधिक बकाया है। किश्तों में पैसा मिलने से काम में लगातार देरी हो रही है। निगम मुख्यालय के ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण में लगातार देरी हो रही है। इसकी लागत 22 करोड़ रुपये से शुरू होकर अब 39 करोड़ रुपये तक पहुंच रही है। भुगतान न होने से परियोजना और अधिक महंगी हो रही है।

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