Doctors Strike : हाई कोर्ट जबलपुर बेंच ने डॉक्टरों को हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर हड़ताल के कारण किसी मरीज की मौत हो गई तो मेडिकल प्रोफेशन कलंकित होगा। डॉक्टरों की शिकायतें 20 अगस्त को सुनी जाएंगी। भोपाल और जबलपुर के अस्पतालों में ओपीडी बंद करने का फैसला लिया गया है। हड़ताल के कारण अधिकांश सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी हैं।
शुक्रवार को कोर्ट ने पूछा कि पहले स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बावजूद भोपाल के डॉक्टर बिना कोर्ट की अनुमति के हड़ताल पर क्यों गए? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की दो खंडपीठ ने प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग, डीन गांधी मेडिकल कॉलेज और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, जीएमसी भोपाल को नोटिस जारी किया और इस मामले पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी।
Doctors Strike : कोर्ट की अनुमति के बिना हड़ताल पर नहीं जा सकते डॉक्टर
शनिवार को एक और सुनवाई निर्धारित की गई थी। जिसकी सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने जवाब दिया। कोर्ट ने अपनी पुरानी सख्त टिप्पणी दोहराई कि वह मौत के दो दिन बाद दवा देंगे। उन सभी मामलों में हाई कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि डॉक्टर कोर्ट की अनुमति के बिना हड़ताल पर नहीं जा सकते। टोकन स्ट्राइक पर जाने के लिए भी कोर्ट की अनुमति जरूरी है।