Flying Snake: उड़ने वाले साँप कम ही देखने को मिलते हैं। लेकिन ज्यादा जहरीले न होने के बावजूद भी इन सांपों का डर काफी रहता है। इन सांपों के बारे में सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि पंख न होने के बावजूद भी ये कैसे उड़ते हैं। पैराडाइज़ ट्री स्नेक या क्राइसोपेलिया पैराडिसी सांप पेड़ की एक शाखा से दूसरी शाखा तक उड़ते हैं। इतना ही नहीं कई बार तो ये सांप उड़कर जमीन पर भी आ जाते हैं। उड़ते समय ये सांप हवा में एक खास तरीके से चलते हैं और अंग्रेजी अक्षर ‘S’ जैसी आकृति बनाते हैं। इस प्रक्रिया को लहर-उतार-चढ़ाव कहा जाता है। इस क्रिया के माध्यम से विशेष प्रजाति के सांप हवा में उड़ते हैं। इन सांपों को ग्लाइडिंग स्नेक भी कहा जाता है-Flying Snake
उड़ते समय साँप दो अलग-अलग हरकतें करते हैं। पहले वे एक छोटे आयाम वाली अनुदैर्ध्य तरंग के साथ-साथ एक बड़े आयाम वाली तरंग बनाते हैं। वैसे इनकी सारी गतिविधियां इतनी तेज होती हैं कि इन्हें आंखों से पूरा देख पाना संभव नहीं है।
उड़ने वाले सांप की यह प्रजाति दक्षिण पूर्व एशिया, भारत, श्रीलंका, दक्षिण चीन और फिलीपींस में भी पाई जाती है। आमतौर पर ये सांप भोजन के लिए छिपकलियों, कृंतकों, चमगादड़ों, यहां तक कि कुछ पक्षियों का भी शिकार करते हैं। बता दें कि इन सांपों का जहर जानलेवा नहीं होता है।
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