Indore news : ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी,8 आरोपी गिरफ्तार

By Awanish Tiwari

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Indore news : क्राइम ब्रांच (crime branch) ने मंदसौर की गैंग का किया पर्दाफाश

Indore news इंदौर। ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) के माध्यम से लोगों को ठगने वाली मंदसौर की एक संगठित गैंग का पर्दाफाश करते हुए क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग “रॉक एक्सचेंज” नामक वेबसाइट के माध्यम से करोड़ों रुपये की ऑनलाइन गैंबलिंग करवा रही थी।

कैसे करता था गिरोह फ्रॉड?

आरोपियों ने गेमिंग वेबसाइट में ऐसा अल्गोरिथम बनाया था कि इसमें सट्टा खेलने वाले के जीतने की संभावना बेहद कम हो जाती थी। यह गैंग नाबालिग बच्चों और युवाओं को जल्दी अमीर बनने का लालच देकर ऑनलाइन गैंबलिंग के जाल में फंसाता था। फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों के माध्यम से यह ठगी को अंजाम दिया जा रहा था।

गिरफ्तारी की कार्यवाही

क्राइम ब्रांच इंदौर को सूचना मिली थी कि मानवता नगर स्थित मकान नंबर 170-ए में 7-8 लोग लैपटॉप और मोबाइल के जरिये ऑनलाइन सट्टा संचालित कर रहे हैं। पुलिस ने मौके पर दबिश देकर 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार आरोपी: परीक्षित लोहार (26 वर्ष, मंदसौर) 2. रोशन लालवानी (20 वर्ष, मंदसौर) 3. विजय विश्वकर्मा (22 वर्ष, मंदसौर) 4. अभिषेक यादव (26 वर्ष, मंदसौर) 5. रुचित सिंह (25 वर्ष, बिहार) 6. राजेश कोतक (19 वर्ष, मंदसौर) 7. प्रफुल्ल सोनी (29 वर्ष, मंदसौर) 8. महेन्द्र सिंह (28 वर्ष, मंदसौर)

कैसे करते थे ठगी?

गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे विभिन्न वेबसाइट्स जैसे रॉक7.आर्ट, रॉकबुक9.कॉम आदि के माध्यम से ऑनलाइन गैंबलिंग संचालित करते थे। सट्टा खेलने वाले से रकम जमा कराकर उन्हें गेमिंग आईडी और पॉइंट दिए जाते थे। गेमिंग वेबसाइट की कोडिंग इस तरह की गई थी कि शुरू में जीत का लालच देकर अंततः गेम खेलने वाले को हार का सामना करना पड़ता था।

यह मिला आरोपियों के पास से?

29 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 13 चेकबुक और पासबुक, 12,770 रुपये नकद0करोड़ों रुपये का हिसाब-किताब, फर्जी खातों और अंतरराष्ट्रीय लिंक की जांच के दौरान आरोपियों के मोबाइल में दुबई मनी एक्सचेंज से जुड़े कुछ संदिग्ध नंबर भी मिले हैं। आरोपियों द्वारा जीत की रकम को बड़े अमाउंट में अपने मालिक तक पहुंचाने की जानकारी भी सामने आई है। क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के विरुद्ध पब्लिक गैंबलिंग एक्ट 1976 और धारा 112 बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपियों का पुलिस रिमांड लेकर गैंग के अन्य सदस्यों और ठगी से जुड़े अन्य पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है।

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