MP NEWS : बहरीन छोड़ भारत आईं, इंजीनियरिंग कर आइएएस बनीं अंजू

By Awanish Tiwari

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MP NEWS  : बहरीन छोड़ भारत आईं, इंजीनियरिंग कर आइएएस बनीं अंजू

MP NEWS  : आइएएस की चार बार परीक्षा दी। चारों बार पास की। विवाह के बाद आइएएस की परीक्षा पास की। आईएएस से पहले आइआरएस कस्टम में सेवाएं दी।

MP NEWS  : ग्वालियर. 2017 बैच की आइएएस अंजू अरुण कुमार जन्म के छह महीने बाद अरब देश बहरीन चली गईं। वहां स्कूली शिक्षा पूरी कर 2006 में इंजीनियरिंग करने भारत आईं। केरल के कालीकट एनआइटी से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी होने के बाद भाई ने अमरीका बुलाया, लेकिन अंजू ने वहां जाने की बजाय देश में बस कर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) में जाने की ठानी। पहले ही प्रयास में उन्होंने 2012 में परीक्षा पास कर अकाउंटेंट जनरल कैडर फिर दूसरी और तीसरी बार में आइआरएस और कस्टम के बाद 2017 में परीक्षा पास कर एमपी कैडर पाया। पत्रिका ने अंजू का आइएएस बनने का सफर और दीवानगी जानी। भाषा को लेकर उनका कहना है कि मेरी हिंदी सुनकर लोग पूछते हैं कि आप मप्र में कहां की रहने वाली हैं। मैंने हिंदी-संस्कृत सीखी हैं इसलिए न सिर्फ अच्छे से बोल पाती हूं, बल्कि कोई मुझे केरल का नहीं समझता।

आइएएस बनने का मन बनाया

अंजू अरुण कुमार बताती हैं कि युवाओं का भारत से विदेश सपना होता है, पर मैं विदेश से भारत वापस आई हूं। इंजीनियरिंग के बाद विदेश जाने का मन था। भाई के पास अमेरिका की नागरिकता (ग्रीन कार्ड) है। उन्होंने मुझे अमेरिका में बुलाया, लेकिन मैं भाई के साथ नहीं गई। साथ पढ़ने वालों की सुनने के बाद भारत में रुककर समाज के लिए कुछ करने संकल्प लेकर आइएएस की तैयारी का मन बना लिया।

माता-पिता अब साथ रह रहे

उनके पिता नौकरी के लिए 1989 में बहरीन गए। बहरीन में परिवार बस गया था। 2014 में आइएएस अरुण कुमार से विवाह हुआ। माता-पिता भी भारत वापस लौट आए। अब उनके साथ रह रहे हैं। वे वर्तमान में ग्वालियर में अपर कलेक्टर हैं।

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