Nagmani: ऐसा माना जाता है कि स्वाति नक्षत्र (Swati Nakshatra) के दौरान जब बारिश की बूंदें किंग कोबरा के मुंह में जाती हैं तो नागमणि बनती है। नागमणि को किंग कोबरा के रूप में बनाया जाता है। कहा जाता है कि नागमणि को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त है। कोबरा कभी भी अपनी मस्ती से बाहर नहीं निकलता-Nagmani
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जानकारी के मुताबिक, सांपों के पास सांपों को लेकर काफी विवाद है। विशेषज्ञों का मानना है कि सांप के सिर के अंदर रत्न या मोती बनने की बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है और यह संभवतः लोककथाओं और अंधविश्वास का परिणाम है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इंसानों की तरह सांपों में भी पित्त पथरी होती है। पत्थरों से बड़े-बड़े पत्थर भी निकलते हैं। इसलिए यह संभव है कि जिस पत्थर के कारण यह पत्थर बना वह सांप के शरीर से निकला था और उसे गलती से मणि समझ लिया गया और यह गलत धारणा लोकप्रिय हो गई।
उनके शरीर में कोशिकाएँ और मांसपेशियाँ भी होती हैं। ऐसा कोई रत्न या अन्य कोई बहुमूल्य पत्थर नहीं है। और ना ही सांप किसी को सम्मोहित कर सकते हैं. नागमणि जैसी भ्रांतियों के कारण हर साल हजारों सांपों को मार दिया जाता है। साँप मोती या वाइपर पत्थर जैसी कोई चीज़ नहीं है, बल्कि एक जानवर की हड्डी या हवाई पत्थर है जिसका उपयोग अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, भारत और अन्य देशों में साँप के काटने के लिए लोक औषधि के रूप में किया जाता है। यह परंपरा 14वीं शताब्दी से चली आ रही है और लोग इसे नागमणि कहते हैं।
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