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e-weighing machine : वाराणसी में राशन की दुकानों पर ई-वेइंग मशीन के आने से कोटेदारों ने बड़े पैमाने पर इस्तीफे देना शुरू कर दिया है। बीते पांच महीनों में 15 कोटेदारों ने इस्तीफा दे दिया है। इस बदलाव का कारण ई-पाश मशीन और ई-वेइंग मशीन का लिंक होना बताया जा रहा है, जो राशन वितरण प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बना रहा है।
ई-वेइंग मशीन से क्या बदला?
ई-वेइंग मशीन के आने के बाद राशन वितरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ गई है। ये मशीनें राशन के सही वजन की पुष्टि करती हैं, जिसके बाद ही राशन वितरण संभव होता है। इसके बाद से कोटेदारों के सामने कई चुनौतियाँ आई हैं, जिसकी वजह से इस्तीफे हो रहे हैं।
कोटेदारों के इस्तीफे की मुख्य वजहें
मशीनें तब तक राशन वितरण की अनुमति नहीं देती जब तक सही तौल नहीं हो जाती, जिससे कोटेदारों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। आधार से लिंक करने के बाद फर्जी राशनकार्डों की संख्या में पहले ही कमी आई थी। ई-पाश और ई-वेइंग मशीनों के संचालन की तकनीकी जटिलता भी कोटेदारों के लिए परेशानी का कारण बनी है।
राशन वितरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ई-वेइंग मशीन एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन कोटेदारों के इस्तीफे से नई चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। सरकार को इन तकनीकी बदलावों के साथ कोटेदारों को आवश्यक प्रशिक्षण और सहयोग प्रदान करना चाहिए, ताकि वे आसानी से इन तकनीकों का उपयोग कर सकें और इस्तीफों की संख्या कम हो सके।