Satna News: सतना ननि ने किया संपत्ति कर में 10 % की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव निरस्त

By Awanish Tiwari

Published on:

ADS

सतना ननि ने किया संपत्ति कर में 10 % की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव निरस्त

सतना: नगर सरकार के मंत्रिमण्डल द्वारा संपत्ति कर में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव पखवाड़े भर बाद आयोजित विशेष सम्मिलन में धराशायी हो गया. पक्ष और विपक्ष सभी पार्षदों ने एकमत होकर इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि पहले नगरवासियों को बेहतर आधारभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं उसके बाद ही कर बढ़ाने के बारे में सोचा जाए. इसी कड़ी में पार्षदों ने महापौर को करों का सरलीकरण और कम करने से संबंधित संकल्प की याद भी दिलाई गई.

11 मार्च को आयोजित बैठक में कलेक्टर गाइडलाइन(collector guideline) का हवाला देते हुए संपत्ति कर की दरों में 10 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव को सर्व सम्मति से हरी झण्डी दे दी गई थी. शुक्रवार को नगर निगम कार्यालय(Municipal Corporation Office) के सभागार में आयोजित विशेष सम्मिलन के दौरान पहला प्रस्ताव भी इसी मुद्दे को लेकर सामने आया. पार्षदों का कहना था कि शहर में एक ओर जहां कचरे का ढेर बढ़ता जा रहा है वहीं दूसरी ओर स्ट्रीट लाइट और पेयजल जैसी आधारभूत सुविधा भी समुचित तरीके से नगरवासियों को मुहैया नहीं हो पा रही है. इसके अलावा शहर की सडक़ों की ऊबड़-खाबड़ हालत और उड़ते धूल के गुबार के चलते लोगों का जीना दुश्वार हो गया है.

ऐसे में यदि नगरवासियों पर बढ़े हुए कर का बोझ भी लाद दिया जाएगा तो यह उनके साथ अन्याय करना होगा. ऐसे में संपत्ति कर में 500 रु से लेकर 50 हजार रु की की बढ़ोत्तरी करना कतई उचित नहीं होगा. आस पास के किसी भी जिले के नगर निगम में कर में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है, तो फिर सतना ननि में इसके प्रयास क्यों किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में पार्षदों ने महापौर को उस संकल्प की याद भी दिलाई जिसमें करों के सरलीकरण के साथ-साथ कर घटाने का प्रयास करने की बात कही गई थी.लिहाजा संपत्ति कर में बढ़ोत्तरी से संबंधित प्रस्ताव को सर्व सम्मति से निरस्त कर दिया गया.

ननि की आय बढ़ाने दिए सुझाव

संपत्ति कर में बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए नेता प्रतिपक्ष मिथिलेश सिंह ने कहा कि शहर के 30-40 प्रतिशम मकान कर के दायरे में नहीं हैं. संपत्ति कर की वसूली भी केवल 60-70 प्रतिशत ही हो पाती है. औद्योगिक क्षेत्र सहित कई बड़े लोगों के कर बकाए पड़े हैं लेकिन उनकी वसूली नहीं हो रही है. बेहतर होगा कि ननि अमले द्वारा नगर के मकानों का सर्वे नए सिरे से कराया जाए और शत प्रतिशत कर की वसूली की जाए.

ग्रांट पर पड़ेगा असर

संपत्ति कर बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव पर सफाई देते हुए महापौर योगेश ताम्रकार ने कहा कि सतना ननि द्वारा वर्ष 2012-13 से संपत्ति कर में प्रत्यक्ष रुप से कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. वर्ष 2016-17 में कार्पेट एरिया को बिल्डअप एरिया में बदल दिया गया था. जिससे संपत्ति कर में अप्रत्यक्ष तौर पर बढ़ोत्तरी हुई. जिसके बाद 24-25 में शहर के कुछ मार्गों का युक्ति युक्ति करण अपडेट किया गया, जिससे कुछ क्षेत्र में संपत्ति कर बढ़ा था. इसी कड़ी में महापौर ने आगे कहा कि सतना ननि को लगभग 400 करोड़ रु की ग्रांट शासन से मिलती है. इस लिहाजा से ननि सतना मुश्किल से 30-40 करोड़ रु की वसूली ही कर पाता है. 16वें वित्त आयोग की बैठक में स्पष्ट तौर पर यह बता दिया गया है कि ननि को ग्रांट तभी मिल पाएगी जब उसकी आय में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी, अन्यथा ग्रांट में कमी भी की जा सकती है. जिसका असर विकास कार्यों पर पडऩे की संभावना बनी रहेगी.

प्रस्तुत हुआ 982 लाख के घाटे का बजट

ननि में आयोजित विशेष सम्मिलन में प्रस्तुत बजट में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 45997.17 लाख रु के व्यय का अनुमानित आंकलन सामने आया. अनुमानित व्यय में से राजस्व व्यय की 18457.17 लाख रु, पूंजीगत व्यय की 13080 लाख रु और विशिष्ट अनुदान पूंजीगत व्यय की 14460 लाख रु की हिस्सेदारी बताई गई. इसी कड़ी में प्रस्तुत बजट में वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल 35014.73 लाख रु की कुल आय का ब्योरा सामने आया. कुल आय में राजस्व आय की 19715.03 रु, पूंजीगत आय की 4884 लाख रु और विशिष्ट अनुदान पूंजीगत आय की 14120 लाख रु की हिस्सेदारी सम्मिलित है. वहीं पिछली बचत 6295.70 लाख रु की बताई गई. इस लिहाज से प्रस्तुत बजट में 982.44 लाख रु के घाटे का अनुमानित आंकलन सामने आया. गौरतलब है कि वर्ष 2024-25 में पिछली बचत जहां 8362.90 लाख रु थी. वहीं वर्ष 2025-26 में यह घटकर 6295.70 लाख रु हो गई

Leave a Comment