Sidhi News: MLA रीती पाठक ने सोशल मीडिया द्वारा उठाये मुद्दे को प्रमुखता से विधानसभा में रखा

By Awanish Tiwari

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MLA रीती पाठक ने सोशल मीडिया द्वारा उठाये मुद्दे को प्रमुखता से विधानसभा में रखा

Sidhi News: विधायक रीती पाठक ने सोशल मीडिया द्वारा उठाये मुद्दे को प्रमुखता से विधानसभा में रखते हुए जिला अस्पताल की दयनीय स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने विधानसभा अध्यक्ष एवं स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया।

सीधी विधायक(straight MLA) ने क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर विधानसभा में कहा कि सीधी जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां के जिला अस्पताल में आधे से अधिक पद चिकित्सकों के खाली पड़े हुए हैं। जिसके चलते मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूर-दूर से मरीज आते हैं लेकिन उन्हें कई बार यहां से मायूसी मिलती है। जिला अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। यहां डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को बाहर उपचार कराने की मजबूरी बनी हुई है। इन तमाम स्वास्थ्य मुद्दों को लेकर उन्होंने विधानसभा में प्राथमिकता से कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की। साथ ही सीधी के मेडिकल कॉलेज को पीपी मॉडल से खत्म कर इसे शासकीय स्तर से संचालित कराने की व्यवस्थाएं बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि सीधी जिला अस्पताल में विशेषज्ञों की 37 पद स्वीकृत है। जिसमें 12 पदों पर विशेषज्ञ कार्यरत हैं और 25 पद रिक्त हैं। वहीं चिकित्सा अधिकारियों के 26 पद स्वीकृत हैं जिसमें 20 पदों पर संविदा समेत चिकित्सक कार्यरत हैं। इन रिक्त पदों पर नियुक्ति कब तक की जाएगी इसको निश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि Sidhi District एवं अन्य जिलों में जहां चिकित्सक नियुक्ति के बाद भी कार्य करने में असहमति प्रकट करते हैं वहां पर चिकित्सकों को भेजने हेतु वेतनमान में अतिरिक्त वृद्धि या विशेष पैकेज की व्यवस्था क्या सरकार कर सकती है। जिला चिकित्सालय सीधी में आए दिन लापरवाही व अव्यवस्था के कारण बड़ी घटनाएं सामने आती हैं। जिससे जिले के आम जनमानस के बीच प्रमुखता से यह विषय दृष्टिगोचर होता है कि सरकार ऐसी घटनाओं की रोंकथाम के लिए कदम क्यों नहीं उठाती। उन्होंने विधानसभा में जोर देकर कहा कि सीधी जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी कमी है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जिनके पास स्वास्थ्य मंत्रालय का दायित्व भी है उन्हें सीधी जिले के दयनीय स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में जानकारी है। ऐसे में उनसे सीधी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में जो भी कमी है उसको दूर करने के लिए सभी संभावित प्रयास करने की उम्मीदें लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि सीधी जिले में भी रीवा के समान स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जाए। जिससे यहां के मरीजों को भी बिना किसी भटकाव के जिला स्तर पर सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो सकें। यही उनकी अपेक्षा शासन एवं स्वास्थ्य मंत्री से है। उधर,

उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने पाठक द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेजों के लिए निजी क्षेत्र से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। प्रथम चरण में एक भी प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ। अब दूसरे चरण के लिए फिर प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। 30 मार्च तक में इसका भी निर्णय सामने आ जाएगा। श्री शुक्ल ने कहा कि केन्द्र सरकार की मंशा है कि निजी क्षेत्र की भागीदारी से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाए। इस वजह से पीपी मॉडल पर निजी क्षेत्र के सहयोग से मेडिकल कॉलेजों को खोलने की प्रक्रिया चल रही है। निजी क्षेत्र से खुलने वाले मेडिकल कॉलेजों में भी सभी सुविधाएं मुहैया होंगी।

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