कन्या आश्रम बमुरी के मुख्य गेट में ताला बंद कर ग्रामीणों ने दिया धरना
sidhi news । कन्या आश्रम बमुरी में अव्यवस्थाओं को लेकर ग्रामीणों एवं अभिभावकों का आक्रोश फूटा और उनके द्वारा विरोध करने के लिए आश्रम के मुख्य गेट में ताला बंद करके धरना दिया गया। बाद में संकुल प्राचार्य के निर्देश पर प्रधानाध्यापक ने मौके पर पहुंचकर चर्चा करते हुये धरना समाप्त कराया।
दरअसल जनपद पंचायत सीधी अंतर्गत ग्राम पंचायत बमुरी के बमुरी ग्राम में संचालित जनजातीय कार्य विभाग सीधी के आश्रम में व्यापक अनियमितताओं को लेकर काफी आक्रोश बना हुआ है। अभिभावकों का आरोप है कि अधीक्षिका सविता नागर यहां सप्ताह में केवल एक दिन आती हैं। वह नियमित रूप से जिला मुख्यालय सीधी में रहती हैं। आश्रम में जब भी उनका आना होता है केवल दो घंटे रहती हैं। रात्रि विश्राम उनका हमेशा जिला मुख्यालय में ही होता है। अपने स्थान पर उनके द्वारा गांधीग्राम की एक महिला को 100 रुपए प्रतिदिन की दैनिक मजदूरी पर रखा गया है। ग्रामीणों का कहना था कि छात्रावासी बच्चियां रात में अपने घर चली जाती हैं। उनको सुबह-शाम का नास्ता एवं भोजन भी नहीं दिया जाता। आश्रम में अधीक्षिका के पति मुकेश नागर ही पूरा काम देखते हैं। उनके द्वारा स्कूल में ही मनमानी तौर पर महफिल भी जमाई जाती है। अभिभावकों का कहना था कि आश्रम में चल रही मनमानी एवं भ्रष्टाचार की शिकायत पूर्व में भी कई बार विभागीय अधिकारियों के पास दी गई थी। लेकिन उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
बाद में ग्रामीणों एवं अभिभावकों द्वारा आश्रम के गेट में ताला बंद कर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर संकुल प्राचार्य उपनी के निर्देश पर प्रधानाध्यापक बमुरी सुखेन्द्र सिंह मौके पर पहुंचे और उनके द्वारा लोगों को समझाईस दी गई। जिसके बाद आश्रम के गेट में लगे ताला को खोला गया। इस दौरान अभिभावकों का कहना था कि अधीक्षिका को जब तक शासन द्वारा निलंबित नहीं किया जाता उनका यह विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा।sidhi news
यदि स्थानीय स्तर पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद भी अधीक्षिका के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई तो अभिभावक एवं ग्रामीण जिला मुख्यालय में पहुंचकर आमरण अनशन करेंगे। ग्रामीणों का मुख्य विरोध था कि कन्या आश्रम बमुरी में छात्राओं की सुरक्षा के लिहाज से अधीक्षिका को नियमित रूप से यहां रहना चाहिए, फिर भी अधीक्षिका सविता नागर जब से यहां पदस्थ हुई हैं उनकी पूरी मनमानी बनी हुई है। वह अपना आवास जिला मुख्यालय में बनाए हुए हैं। जिसके चलते कन्या आश्रम बमुरी में प्रवेशी छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी खतरा बना हुआ है। अधीक्षिका द्वारा मनमानी तौर पर अपने पति मुकेश नागर को आश्रम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि वह कोई लोकसेवक नहीं हैं। ऐसे में यहां उनके रहने और आने का कोई औचित्य समझ में नहीं आता।sidhi news
तहसीलदार भी कर चुकी हैं आश्रम का निरीक्षण
कन्या आश्रम बमुरी में मनमानी की शिकायत मिलने पर गोपदबनास की तहसीलदार जान्हवी शुक्ला द्वारा अभी 16 अगस्त 2024 को जांच की गई थी। जांच के दौरान अधीक्षिका सविता नागर द्वारा यह स्वीकार किया गया था कि उनके पास कैश बुक, स्टॉक पंजी उपलब्ध नहीं है। हॉस्टल के मीनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना था कि यह जानकारी सामने आने के बाद ही तहसीलदार द्वारा अधीक्षिका के विरुद्ध कोई कार्यवाही अभी तक प्रस्तावित नहीं की गई। इससे आभास होता है कि तहसीलदार का यह निरीक्षण केवल औपचारिक रहा। आश्रम में निरीक्षण के दौरान व्यापक पैमाने पर कमियां उजागर हुई थीं। इस वजह से इसका प्रतिवेदन कलेक्टर के पास जल्द पहुंचना चाहिए।sidhi news
जिससे दोषी अधीक्षिका के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित हो सके। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा आश्रमों एवं छात्रावासों का औचक निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। जिनको निरीक्षण करना चाहिए वह जिला मुख्यालय में ही बैठकर अपने निरीक्षण की कार्यवाही कागजों में फर्जी तौर पर दर्ज कर देते हैं। विभागीय अधिकारियों की इसी कमी के चलते अधीक्षक भी मिलने वाले बजट को डकारने में ही अपनी पूरी दिलचस्पी लेते हैं। छात्रावास एवं आश्रमों में रहने वाले बच्चों के निर्धारित सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जाती। केवल कागजों में ही सुविधाएं उपलब्ध कराने का खेल चल रहा है।sidhi news
इनका कहना है
कन्या आश्रम बमुरी में अधीक्षिका के पति का तालमेल स्थानीय लोगों से न बैठने के कारण विवाद की स्थिति निर्मित है। जिस पर उनके द्वारा अधीक्षिका के पति को आश्रम में आना प्रतिबंधित किया गया है। आज विभागीय अधिकारियों द्वारा आश्रम का निरीक्षण करके जांच प्रतिवेदन दिया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो जल्द ही अधीक्षिका को भी हटा दिया जायेगा।
डॉ.डी.के.द्विवेदी, सहायक आयुक्त
आदिवासी विकास सीधी