singrauli news : माईनर, रिपेयर एवं पुताई के नाम पर राशि की बंदरबाट करने की कवायद, कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा क ी भूमिका संदिग्ध
सिंगरौली । जिले के चितरंगी विकास खण्ड के तकरीबन 150 विद्यालयों में माईनर रिपेयर व पुताई के लिए डीएमएफ फण्ड की वर्षा की गई है। करीब 150 विद्यालयों के दो-दो लाख के हिसाब से मंजूरी देकर करीब सवा सौ करोड़ रूपये क्रियान्वयन एजेंसी कार्यपालन यंत्रिकी सेवा संभाग सिंगरौली को प्रथम किस्त के रूप में राशि भी मुहैया करा दी गई है और अब धीरे-धीरे कार्य आरम्भ है। वही आरोप है कि कार्यपालन यंत्री विद्यालयों के प्रमुखो पर प्रदेश सरकार के बड़े नेताओं के आड़ में धौस जमाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं।
गौरतलब है कि जिले के चितरंगी ब्लॉक के करीब 145 से अधिक विद्यालयों को मध्यप्रदेश जिला खजिन प्रतिष्ठान से म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के अनुशंसा पर पिछले साल के जून महीने में मंजूरी दी गई थी। जहां वित्तीय वर्ष 2024-25 की अनुमोदित वार्षिक कार्ययोजना अंतर्गत कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सिंगरौली द्वारा प्रस्तुत प्राकलन एवं तकनीकि स्वीकृति के आधार पर प्रत्येक विद्यालयों को माईनर रिपेयर एवं पुताई के नाम पर दो-दो लाख रूपये की मंजूरी दी जाकर कार्य के लिए प्रथम किस्त के रूप में करीब सवा सौ करोड़ रूपये क्रियान्वयन एजेंसी को मुहैया करा दी गई है। इधर आरोप है कि डीएमएफ फण्ड की उक्त राशि में क्रि यान्वयन एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सिंगरौली के द्वारा जमकर बंदरबाट करने की हर तरह की कवायदेें की जा रही हैं। आरोप यहां तक लग रहे हैं कि विद्यालयों के माईनर रिपेयर के पर केवल चूना से पुताई कर खानापूर्ति करते हुये कथित विद्यालयों के प्रमुखो पर भाजपा सरकार के बड़े नेताओं के नाम लेकर धौस दिखाने में किसी के कम नजर नही आ रहा है। चर्चाएं यहां तक आ रहे हैं कि कार्यपालन यंत्री आरईएस अपने किसी चहेते ठेकेदारों को कामकाज का जिम्मा सौपा है। संबंधित ठेकेदार कहां का है, क्रियान्वयन एजेंसी के कर्ताधर्ता इस राज को खोलना नही चाहते। हालांकि विद्यालयों के रिपेयर के नाम पर राशि के बंदरबाट करने का मामला पहली बार नही आया है। वर्ष 2017-18 में तत्कालीन कलेक्टर शिवनारायण सिंह चौहान के कार्यकाल में भी विद्यालयों के छत रिपेयर के नाम लाखों रूपये का गड़बड़झाला किया हुआ था। जहां मामला काफी तूल पकड़ा हुआ था। फिलहाल चितरंगी ब्लॉक में ही विद्यालयों के माईनर रिपेयर के नाम पर डीएमएफ की करोड़ रूपये राशि मंजूर किये जाने को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही हंैं।
जिला मुख्यालय में पहुंच रही शिकायते
सूत्रों के मुताबिक विद्यालयों के माईनर रिपेयर के नाम पर मंजूर राशि में केवल भवनों की पुताई किये जाने के आरोप लगाये जा रहे हैं। यहां तक कि कुछ विद्यालयों के प्रमुखो ने कामकाज के शुरूआती दौर में ही शिकायत जिला मुख्यालय के संबंधित विभागों में करना शुरू कर दिये हैं। हालांकि उक्त कार्य का प्रथम चरण में है। सवाल उठाया जा रहा है कि जब माईनर रिपेयर करना है तो पहले पुताई क्यो कर दी जा रही है। फिलहाल इन आरोपो में कितना दम है। यदि एक-एक विद्यालयों की पारदर्शिता के साथ जांच कराई जाये। तभी वस्तु स्थिति का पता चल पाएगा। शिक्षक इस बात के लिए सशंकित हैं कि पूर्व की भाति इस बार भी राशि की बंदरबाट न कर ली जाए। विद्यालयों के कई प्रमुखो की इसीबात की चिंता इस बार भी सता रही है। अब देखना है कि शिक्षको की चिंता कही सही निकली तो सवाल उठेगा ही।
इनका कहना:-
अभी काम खत्म नही हुआ और कार्य शुरू हो रहा है। शिकायत भी आ गई। मतलब आरईएस ने कार्य पूरा कर दिया है क्या? या तो काम ही नही करना देना चाहते हैं। लोगबाग गलत प्रचार कर रहे हैं।
मनोज बाथम
कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सिंगरौली