तेज ब्लास्टिंग व मनमानी तरीके से माइनिंग का मामला पहुंचा कोर्ट
Singrauli News: लक्ष्य से बढकऱ उत्खनन करने की होड़ में NCL ने सभी मानकों को ताक पर रख दिया है। guideline के ईतर हैवी ब्लास्टिंग का मुद्दा हो या सेफ्टी जोन में उत्खनन करने का, मोरवा के लोग हमेशा इसे लेकर शिकायत करते रहते हैं। अभी वर्तमान में लोगों की माने तो जयंत खदान में कोयला खनन के लिए नियमों को ताक पर रखकर सेफ्टी जोन कहे जाने वाले 500 मीटर के अंदर भी उत्खनन जारी है। वहां से रिहायशी इलाका की दूरी मात्र 430 मीटर ही रह गई है। कई बार जिला प्रशासन के पास यह बात भी पहुंची लेकिन इस पर कोई भी निष्कर्ष नहीं निकला। इन्हीं बातों से नाराज होकर Morava के व्यवसाई चंद्र प्रकाश सिंह ने अब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। बुधवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत एवं न्यायाधीश विवेक जैन ने इस मुद्दे को गंभीरता से सुना। चंद्र प्रकाश सिंह की तरफ से अधिवक्ता ने श्रेयस धर्माधिकारी ने न्यायालय में बताया कि किस प्रकार एनसीएल की ओर से किए जा रहे तीव्र ब्लास्टिंग से लोगों के घरों को नुकसान पहुंच रहा है। प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ा है।
नियम विरुद्ध उत्खनन जारी है। High Court NCL को छोड़ अन्य सभी उत्तरदाता जो कि कोल मिनिस्ट्री समेत प्रदूषण बोर्ड, डीजीएमएस एवं जिला कलेक्टर को क्षेत्रीय विधायक के साथ 2 हफ्तों में जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होगी।