महिला अपराधों पर नहीं लगी लगाम: अंकुश लगाने पुलिस का तंत्र फेल, जागरूकता की मानी जा रही कमी
सालभर में 200 से अधिक अपहरण, 140 दुष्कर्म के साथ 19 दहेज की भेंट चढ़ीं
सिंगरौली. महिला अपराध पर रोक लगाने पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन अपहरण और दुष्कर्म के मामले कम नहीं हो रहे हैं। पुलिस के लिए यह चिंताजनक है। यह बात और है कि महिलाओं की हत्या और दहेज हत्या के अपराध में ज्यादातर मामलों में पुलिस ने आरोपियों को सलाखों में भेज दिया है। फिर भी हर महीने औसतन एक महिला दहेज की भेंट चढ़ रही है। अपराध रोकने का दावा करने वाली पुलिस यह भूल रही है कि महिला अपराध कम करने नहीं, बल्कि उसे रोकने की जरूरत है।
एक तरफ पुलिस के आला अधिकारी अपराध रोकने का पाठ पढ़ाते हैं। वहीं दूसरी थाना क्षेत्रों में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। अपहरण व दुष्कर्म की घटनाएं ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र में घटित होती हैं। यहां पुलिस अपराधियों पर शिकंजा नहीं कस पा रही है। क्षेत्र में अपहरण की घटनाएं पुलिस की लापरवाही को दर्शाती हैं। वर्ष 2024 में जिलेभर में अपहरण की घटना 203 पहुंच गई हैं। वहीं दुष्कर्म की 140 घटनाएं अपराध रोकने वाली पुलिस के दावा को हवाहवाई साबित कर रही हैं। इधर, हत्या नौ तो दहेज हत्या की 19 घटनाएं पूरे वर्ष भर के दौरान घटित हुए।
जमीन विवाद में महिला की हत्या
चितरंगी थाना क्षेत्र के बगैया बिक्ठा टोला में जमीन विवाद को लेकर आरोपी रमेश अगरिया व उसका नाबालिग लड़के ने अंजनी व मंती अगरिया के साथ मारपीट कर घायल कर दिया। दोनों को गंभीर चोट आई। इलाज के दौरान मंती अगरिया की मौत हो गई। वहीं अंजनी का उपचार चितरंगी अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। आरोपी रमेश अगरिया सहित नाबालिग को गिरतार कर लिया है। न्यायालय में पेश करने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया।
जंगल में ले जाकर युवती के साथ गैंगरेप
जियावन थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते सोमवार को दोस्त के साथ मेला देखने गई युवती के साथ आरोपियों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। यह घटना तब हुई जब युवती घर वापस लौट रही थी। बदमाशों ने युवती के दोस्त को बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट किया। इसके बाद युवती को जंगल में ले जाकर उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। हालांकि पुलिस ने गैंगरेप की वारदात में शामिल आरोपी सुग्रीव रावत, भकर रावत, राजेश रावत, दिनेश रावत, संजय रावत और सुनील रावत को गिरतार कर जेल भेज दिया है।