Singrauli News: दो हजार मुआवजा धारियों पर वसूली का संकट

By Awanish Tiwari

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हाईकोर्ट के फटकार के बाद बनी परिस्थिति, मनमाने ठंग से भू-अर्जन अधिकारी ने बांटा मुआवजा

Singrauli News: रेलवे लाइन से प्रभावित करीब दो हजार मकानों का मुआवजा देने के मामले में सिंगरौली प्रषासन बुरी तरह फस गया है। ऐसी स्थिति बन गयी है कि अब अधिकारियों से कुछ करते नहीं बन रहा है। हाईकोर्ट के फटकार ने जिला प्रषासन(district administration) एवं भू-अर्जन अधिकारी(Officer) की पूरी प्रक्रिया को ही कटघरे में ला दिया है, हालांकि फिलहाल अभी महज एक मामला में पेंच फसा हुआ है, लेकिन ऐसी ही स्थित करीब दो हजार मामलों में है। इस मामले को सुलझाने में अधिकारी एड़ी चोंटी का जोर लगा रहे हैं किसी भी तरह यह मामला सुलझ गया तो अन्य दो हजार मामलों में वे अपने को किस प्रकार से बचायेंगे यह सवाल बना रहेगा।

दो हजार मामलों में तीसरे व्यक्ति को किया है भुगतान

सिंगरौली जिले(Singrauli district) में कलेक्टर से लेकर एसडीएम ने जमकर मनमानी की। इन अधिकारियों(officials) ने रेलवे मुआवजा भुगतान के नियमों को दरकिनार करते हुए अपनी मनमानी चलायी। ऐसा तो हो नहीं सकता कि अधिकारियों को नियमों की जानकारी न रही हो ऐसे में यह माना जा रहा है कि अपने व्यक्तिगत लाभ एवं अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिये इन अधिकारियों ने नियमों से खिलवाड किया और अपनी मनमानी चलायी। जिले में करीब दो हजार ऐसे मामले हैं जिसमें मकान का मुआवजा भुमि स्वामी(compensation landowner) को न देकर तीसरे व्यक्ति को भुगतान किया गया। हालत यह है कि ऐसे भूमि स्वामियों के सहमति पत्र तैयार किये गये जिनकी उम्र काफी ज्यादा थी और वे बिना पढे लिखे आदिवासी एवं वृद्ध हैं।

लाखों का भुगतान

पूरे मामले का अभी खुलासा नहीं हुआ है यदि ऐसा होता है तो दातों तले अंगुली दबाये रह जायेंगे। अधिकारियों ने मनमानी की सारे हदें पार कर दी। हैरत की बात यह है 30 से 40 लाख रुपये एक ही व्यक्ति को भुगतान कर दिये गये ऐसा व्यक्ति जो भुमि स्वामी नहीं था। मकान के नाम पर सहमति पत्र पर भू- अर्जन अधिकारियों ने इतनी बड़ी राषि तीसरे व्यक्ति को भुगतान कर दिया। इस प्रकार से अधिकारियों ने करोंडों को खेल किया। जिसमें अधिकारियों के करीबी के साथ ही सत्तापक्ष एवं विपक्ष से जुडें नेताओं के नाम भी षामिल हैं।

सभी से हो सकती है वसूली

हाईकोर्ट(High Court) के निर्देष के बाद ऐसे सभी लोगों से प्रषासन वसूली कर सकता है। फिलहाल अभी एक मामले को लेकर वसूली की प्रक्रिया षुरु हुई है। इसी तर्ज पर इससे जुड़े अन्य मामलों में भी वसूली हो सकती है। इसे लेकर मुआवजा घोटाला से जुडे सभी लोगो में दहषत एवं अफरातफरी है। देवसर एसडीएम कार्यालय एवं भुअर्जन कार्यालय से जुडे लिपिक से लेकर अधिकारी इस कारनामें में संलिप्त हैं। उनकी करतूत सामने आ गयी है।

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