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SINGRAULI NEWS : इंटेलिजेंस ब्यूरो के द्वारा केंद्र सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में हुआ खुलासा
SINGRAULI NEWS । डेढ़ दशक बाद माड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक बार फिर नक्सली मूवमेंट की चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में अब पुलिस हर नए चेहरों के आने-जाने पर पूछतांछ शुरू कर दी है। दरअसल छत्तीसगढ़ में सख्ती के बाद म.प्र. नक्सलियों के लिए सबसे महफूज जगह बनता जा रहा है। इसका खुलासा इंटेलिजेंस ब्यूरो के द्वारा केंद्र सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सीधी-सिंगरौली की छत्तीसगढ़ सीमा में नक्सलियों की एक्टिविटी नजर आई हैं। इस खबर के बाद सिंगरौली पुलिस एक्शन मोड में आ गई है और कई टीमें बनाकर सर्च अभियान शुरू कर दिया है।
सूत्रों की माने तो इंटेलिजेंस ब्यूरो के द्वारा केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों पर शिकंजा कसा तो नक्सली म.प्र. की तरफ अपना रुख कर लिए हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे सिंगरौली जिला के माड़ा, लंघाड़ोड थाना क्षेत्र सहित बैढ़न थाना में चौकसी बढ़ा दी है। पुलिस छत्तीसगढ़ सीमा से आने वाले हर नए चेहरों से पूछतांछ और वेरिफिकेशन शुरू कर दी है। दरअसल माड़ा थाना की सीमा कोरिया जिले के सोनहरा व बिहारपुर चांदनी थाना जिला सूरजपुर की सीमा से लगा हुआ है। यहां घने जंगलों के बीच लोगों की आवाजाही बेहद कम रहती है।
सूत्र बताते हैं कि साल 2004-2005 से नक्सलियों ने माड़ा थाना क्षेत्र के जंगल को सेफ जोन मानकर नया ठिकाना बना चुके थे। उस समय नक्सलियों ने भंवरखोह गांव के उप सरपंच पर गोली चलाते हुए बंदूक छीन कर फरार हो गए थे। वही एक दूसरे मामले में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक शाह के नाम पर धमकी भरा पत्र लिखकर आम लोगों में दहशत फैला दी थी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि धमकी भरा पत्र नक्सलियों ने ही लिखा था या किसी और ने। लेकिन इन घटनाओं के बाद तत्कालीन एसपी ने छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे थाना क्षेत्रों में अलर्ट जारी करते हुए सीमा पर स्थित आसपास के गांवों में पुलिस गस्त बढ़ा दी थी। वहीं पुलिस जंगल से सटे इलाकों में निगरानी करते हुए लगातार ग्रामीणों से संपर्क कर नक्सलियों के संबंध में जानकारी लेती रही।
इन गावों पर पुलिस की रहेगी नजर
छत्तीसगढ़ सीमा से जिले के एक दर्जन से अधिक गांव लगे हुये हैं। जो जंगल क्षेत्र से जुड़े हुये हैं। जिले के बसौड़ा, मलगो, भवरखोह, जीर, करौटी, धरी, मिठूल, बड़गड़ गांव छत्तीसगढ़ के जंगली सीमा से सटे हुये हैं। जिसके चलते माना जा रहा है कि नक्सली जंगलों के बीच छुपते-छुपाते यहां पहुंच सकते हैं। लिहाजा पुलिस और जंगल विभाग के रडार पर ये गांवों पर रहेंगे।
इनका कहना
वेरीफाई करा रहे। हम अलर्ट हैं। इसके लिए अलग-अलग टीमें जांच के लिए एक-दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
निवेदिता गुप्ता
पुलिस अधीक्षक, सिंगरौली