Success story: आईएएस बनने के लिए, 6 महीने खुद को किया कमरे में बंद

By Ramesh Kumar

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Success story: जिसके अंदर जीत हासिल करने का जज्बा हो वह किसी भी तरह खुद को सफल बना ही लेता है वह कभी हार नहीं मानता ऐसी ही कहानी है निधि की तो आईए जानते हैं उनकी आईएएस (IAS) ऑफिसर बनने की पूरी कहानी. निधि सिवाच (Nidhi Siwach) हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली हैं। यहां से उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास की और इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग करने का मन बनाया।12वीं की परीक्षा पास करने के बाद निधि सिवाच ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। उन्होंने अच्छे अंकों के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की.(Success story)

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मैकेनिकल इंजीनियर निधि सिवाच को भी हैदराबाद की एक कंपनी में नौकरी मिल गई. वह नौकरी के लिए हरियाणा से हैदराबाद चली गईं। निधि ने दो साल तक नौकरी की लेकिन इस दौरान उन्हें एहसास हुआ कि वह नौकरी नहीं बल्कि आईएएस बनना चाहती हैं।  लेकिन उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने का मन बनाया और नौकरी से इस्तीफा दे दिया।निधि ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। प्रशासनिक सेवा में शामिल होने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। उनका पूरा ध्यान यूपीएससी परीक्षा पर था लेकिन वह दो बार असफल रहीं।

विवाह की शर्त

परिवार चाहता था कि निधि की शादी हो जाए। उनके पास दो विकल्प थे या तो परीक्षा पास कर लें या शादी कर लें। परिवार ने शर्त लगाई कि अगर वह इस बार फेल हो गई तो उसकी शादी कर दी जाएगी। निधि ने परिवार की यह शर्त मान ली. उन्होंने तय कर लिया कि इस बार उन्हें आईएएस की परीक्षा पास करनी है.

6 महीने तक खुद को किया कमरे में बंद

निधि को तीसरे प्रयास में परीक्षा पास करनी थी. इसलिए उसने और भी अधिक मेहनत करना शुरू कर दिया। निधि ने ध्यान केंद्रित करने और पढ़ाई करने के लिए खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया और अपने कमरे से बाहर नहीं निकली। वह अपना सारा समय किताबों और पढ़ाई में बिताती हैं। वह परिवार वालों से कम बात करने लगे।निधि सिवाच ने बिना किसी कोचिंग के घर पर ही पढ़ाई की। तीसरी बार की परीक्षा में उन्होंने पूरी ताकत लगा दी. उनकी कड़ी मेहनत तब सफल हुई जब यूपीएससी परीक्षा परिणाम आने पर निधि ने अखिल भारतीय स्तर पर 83 रैंक हासिल की और आईएएस बनने का अपना सपना पूरा किया।

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