पहलगाम में आतंकी गोलियों का कहर, इंदौर के सुशील की मौत, बेटी घायल, एक दिन पहले खींची गई तस्वीरें अब यादों में हुई तब्दील
Pahalgam Terror Attack: पहलगाम की हसीन वादियों में रविवार को हुए आतंकी हमले ने एक और परिवार की खुशियां छीन लीं। इस हमले में इंदौर निवासी सुशील नथानियल की मौत हो गई, जबकि उनकी बेटी भी घायल हो गई। परिवार छुट्टियों में कश्मीर घूमने गया था – एक ऐसा क्षण जिसे वे जीवन भर याद रखना चाहते थे। लेकिन हमले से ठीक एक दिन पहले जो तस्वीर सामने आई, उसने पूरे देश को आंसूओं में डुबो दिया है। इस फोटो में सुशील नथानिएल अपनी बेटी और पत्नी के साथ पहलगाम की वादियों में मुस्कुराते नजर आ रहे हैं। कौन जानता था कि यह उसकी आखिरी तस्वीर होगी।
पेशे से एक निजी फर्म में काम करने वाले सुशील नथानियल अपने परिवार के साथ पहली बार कश्मीर गए थे। उन्होंने कई साल पहले अपनी बेटी को कश्मीर की बर्फ दिखाने का वादा किया था, जिसे उन्होंने इस बार भी निभाया – लेकिन कश्मीर की वादियों ने उनकी मुस्कान छीन ली।
सुशील के चाचा अरुण कुमार कुमरावत ने बताया कि आतंकवादियों ने पर्यटकों के समूह को घेर लिया, उनमें से प्रत्येक से उनका धर्म पूछा और उनसे कलमा पढ़ने को कहा। सुशील ने कहा, “मैं ईसाई हूं, मैं कलमा कैसे पढ़ सकता हूं?” इसके बाद आतंकवादियों ने जेनिफर को एक तरफ ले जाकर सुशील को गोली मार दी।
सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक अरुण कुमार कुमराओत ने बताया कि सुशील की बेटी आकांक्षा के भी पैर में गोली लगी है, उसे अस्पताल ले जाया गया है और उसका इलाज चल रहा है। सुशील का पार्थिव शरीर बुधवार को श्रीनगर से दिल्ली, फिर चंडीगढ़ होते हुए इंदौर लाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने सुशील की मौत की पुष्टि करते हुए कहा, “हम पहलगाम के स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं।” सुशील का पार्थिव शरीर इंदौर लाने तथा परिवार को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए समन्वय किया जा रहा है। आकांक्षा को मामूली चोटें आई हैं और उसकी हालत स्थिर है।”
कलेक्टर आशीष सिंह ने वीणा नगर में पीड़ित परिवार से मुलाकात की और मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में सड़कें बंद होने के कारण शव को हवाई मार्ग से लाने की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन ने परिजनों को भरोसा दिलाया है कि इलाज में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और शव को इंदौर लाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।
बताया गया कि सुशील का परिवार मूल रूप से जोबट (अलीराजपुर) का रहने वाला है, लेकिन 30 साल पहले इंदौर आ गया था।
मध्य प्रदेश सरकार ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “मैं जम्मू एवं कश्मीर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की कड़ी निंदा करता हूं।” दुश्मनों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें इस कायराना हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी।