Shivraj Singh Chouhan: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान छत्तीसगढ़ में कृषि सम्मेलन के लिए पहुंचे थे और उन्होंने वहां एक बड़ी घोषणा की, उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि एक ऐसी व्यवस्था बनाएं जिसमें छत्तीसगढ़ के किसान अपनी उपज, फसल, सब्जियां, फल एनएफडी के माध्यम से दूसरे राज्यों जैसे दिल्ली, कोलकाता, मुंबई में भेजें, यानी अगर वे छत्तीसगढ़ से दूर-दराज के इलाकों में फल और सब्जियां भेजते हैं।
तो सरकार परिवहन का खर्च वहन करेगी, जो अभी किसान उठाते हैं, शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री को इस योजना पर काम करना चाहिए और एक ऐसी योजना लानी चाहिए जिसमें परिवहन का खर्च सरकार उठाए न कि किसान, ताकि किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिले और साथ ही वे पैसे भी बचा सकें।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा? पहले वो सुनिए, मैं आपको एक और बात बताता हूं. माननीय मुख्यमंत्री जी, हमने अभी निर्णय लिया है कि राज्य सरकार इस बात पर विचार करे कि अगर यहां से फल और सब्जियां दूसरी जगह ले जानी हैं, तो वे नहीं ले जा सकते क्योंकि परिवहन का खर्च बहुत ज्यादा है।
फिर किसान उम्मीद खो देता है, हमने तय किया है कि अगर आप NAFED जैसी एजेंसियों के माध्यम से खरीदेंगे और ये माल दिल्ली, बॉम्बे, कलकत्ता, श्रीनगर भेजेंगे तो ट्रांसपोर्टेशन का खर्च सरकार देगी। स्टोरेज के लिए भी हम प्रयास कर रहे हैं।
मैं इस व्यवस्था को और मजबूत बनाने का प्रयास कर रहा हूं क्योंकि अभी NAFED की ही बात हुई है। हम प्रयास कर रहे हैं कि अगर कोई राज्य की एजेंसी है जो किसानों से फल और सब्जियां खरीदती है।
और दिल्ली, बॉम्बे पहुंचाती है तो ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी हम उन एजेंसियों को दें ताकि किसान को उचित दाम मिले। मुझे बताइए ये ठीक रहेगा कि नहीं। मुझे बताइए ये ठीक रहेगा कि नहीं।
तो ये थे नए तरीके, तो आपको बता दें कि इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने ये भी कहा है कि किसानों को जितना हो सके अपनी फसलों में चक्रीकरण करना चाहिए, इससे उनकी फसलों की उर्वरता बढ़ेगी. शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वो खुद एक किसान परिवार से आते हैं।
और विदिशा में उनका एक बड़ा फार्म हाउस भी है जहां वो हर साल अलग-अलग सब्जियां उगाते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने अपने क्षेत्र में खेती को लेकर प्रयोग किया है, उसका फायदा उन्हें तो मिल ही रहा है।
आसपास के कई किसान भी इसका फायदा उठा रहे हैं और उन्होंने छत्तीसगढ़ के किसानों से भी अपील की है कि वो एक ही फसल पर अड़े न रहें बल्कि अपनी जमीन पर अलग-अलग फसलें उगाएं ताकि जमीन की उर्वरता बरकरार रहे।