इस हफ्ते सोने-चांदी की कीमतों में बड़ी तेजी: निवेशकों के लिए क्या है संदेश?
लेखक: [पंकज तिवारी] | प्रकाशित: 25 मई 2025
gold and silver prices : अगर आप भी सोने-चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं या पहले से निवेशक हैं, तो आपके लिए बीते हफ्ते की खबरें खास मायने रखती हैं। सोने और चांदी दोनों की कीमतों में जबरदस्त तेजी आई है, जिसने निवेशकों के चेहरे पर चमक ला दी है।
सोना हुआ ₹3,170 महंगा, चांदी ने भी लगाई छलांग
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार:
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17 मई 2025 को 24 कैरेट सोना था ₹92,301 प्रति 10 ग्राम
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24 मई 2025 को यह बढ़कर ₹95,471 हो गया
➡ यानी सिर्फ एक हफ्ते में ₹3,170 का इजाफा
वहीं चांदी की कीमतों में भी अच्छा उछाल आया:
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17 मई को चांदी थी ₹94,606 प्रति किलो
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24 मई को चांदी हुई ₹96,909 प्रति किलो
➡ कुल बढ़त: ₹2,303 प्रति किलो
देश के बड़े शहरों में कहां कितनी कीमत?
शहर | सोने का भाव (24K) |
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दिल्ली | ₹98,230 / 10 ग्राम |
मुंबई | ₹98,080 / 10 ग्राम |
कोलकाता | ₹98,080 / 10 ग्राम |
चेन्नई | ₹98,080 / 10 ग्राम |
भोपाल | ₹98,130 / 10 ग्राम |
22 कैरेट सोना इस समय ₹89,900 से ₹90,050 प्रति 10 ग्राम के बीच मिल रहा है।
2025 में अब तक सोने-चांदी ने कितना रिटर्न दिया?
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1 जनवरी 2025 को सोने की कीमत थी ₹76,162/10 ग्राम
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अब (24 मई) यह ₹95,471 हो चुकी है
➡ साल भर में ₹19,309 की बढ़त -
चांदी भी ₹86,017/किलो से बढ़कर ₹96,909/किलो हो गई
➡ साल में ₹10,892 का इजाफा
2024 की तुलना में यह वृद्धि और भी ज़्यादा तेज है, जब पूरे साल में सोने ने सिर्फ ₹12,810 की बढ़त दी थी।
भविष्य की संभावनाएं: क्या 1.10 लाख तक जाएगा सोना?
गोल्डमैन सैक्स और अन्य वैश्विक निवेश संस्थाओं का मानना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सोने की कीमतें $3,700 प्रति औंस तक जाती हैं, तो भारत में यह ₹1.10 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
तेजी के पीछे के कारण
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वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
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ब्याज दरों में संभावित कटौती
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डॉलर में कमजोरी
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सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प मानने की सोच
इन कारणों से निवेशकों का रुझान फिर से कीमती धातुओं की ओर बढ़ा है।
निवेशकों के लिए सलाह
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यदि आपने पहले ही निवेश कर रखा है, तो यह समय मुनाफा बुक करने का हो सकता है।
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अगर अभी निवेश की सोच रहे हैं, तो लंबी अवधि का नजरिया रखें।
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छोटे निवेशक सोने के ETF, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जैसे डिजिटल माध्यमों को चुन सकते हैं।
सुनहरा मौका या जोखिम का संकेत?
इस वक्त की तेजी को सिर्फ कीमतों के उछाल के रूप में न देखें, बल्कि बाजार की गहराई को समझकर फैसले लें। आने वाले हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय घटनाएं जैसे फेडरल रिजर्व की नीतियाँ, तेल की कीमतें और डॉलर की चाल इस रुझान को प्रभावित कर सकती हैं।
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