बड़ा फैसला: सरकारी अस्पतालों का होगा निजीकरण – MP NEWS

By Awanish Tiwari

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सरकारी अस्पतालों का होगा निजीकरण - MP NEWS
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भोपाल :  राज्य सरकार ने प्रदेश में जहां अभी तक कोई मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, वहां निजी क्षेत्र के साथ पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला किया है। इसके लिए स्थानीय जिला अस्पताल को निजी हाथों में दिया जाएगा। वर्तमान में 14 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। नए सत्र से चार कॉलेज खुलने हैं। बड़ा फैसला

दस जिले प्रस्ताव अनुमोदन के विभिन्न स्तरों पर हैं, कुल मिलाकर 55 जिलों में से 27 जिले सीधे इस दायरे में आ सकते हैं। सोमवार को मंत्रालय में सीएम डाॅ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. इसके तहत निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है. बैठक में कुछ मंत्रियों ने नफा-नुकसान पर भी चर्चा की. कुछ ने अपने जिले में मेडिकल कॉलेज की भी मांग की है.बड़ा फैसला

बड़ा फैसला : एक नज़र

राज्य में वर्तमान में 14 सरकारी मेडिकल कॉलेज कार्यरत हैं।
04 मेडिकल कॉलेज अगले शैक्षणिक सत्र से प्रारंभ हो जायेंगे।
10 मेडिकल कॉलेज अनुमोदन के विभिन्न चरणों में।
55 में से 27 जिले अभी भी मेडिकल कॉलेजों से वंचित हैं.

75 फीसदी बेड गरीबों के लिए हैं

पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज के लिए तैयार नियमों के तहत सरकार संबंधित निजी क्षेत्र को सस्ती दरों पर जमीन देगी. कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक जमीन का अधिग्रहण निजी संस्था को करना होगा, जबकि जिला अस्पताल सरकार को सौंपा जाएगा। ऐसे में जिला अस्पताल के पूरे स्टाफ का वेतन देने की जिम्मेदारी भी संस्था की होगी. हालाँकि, शुरुआत में लॉकिंग अवधि के दौरान संबंधित अस्पतालों को सरकारी वित्तीय सहायता मिलती रहेगी। केंद्र से विभिन्न अनुदान भी मिलेंगे। मेडिकल कॉलेज बनने के लिए कुल बेड का 75% हिस्सा गरीबों के लिए आरक्षित किया जाएगा। शेष 25 प्रतिशत का उपयोग व्यावसायिक रूप से किया जा सकता है।

इन्वेस्टर समिट तीन जगह

कैबिनेट में सीएम ने कहा कि अगला रीजनल इन्वेस्टर समिट उज्जैन के बाद तीन अन्य जिलों में होगा. इसमें जबलपुर, रीवा और ग्वालियर शामिल हैं। सीएम ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण की भी जानकारी दी. अधिकारियों ने इसकी पूरी रिपोर्ट रखी.

कैबिनेट में सिंहस्थ 2028 की तैयारी को लेकर तीन अहम फैसले

पहला फैसला-उज्जैन-जावरा के बीच फोर लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे के लिए 5017.22 करोड़ मंजूर। निर्माण पीपीपी मोड पर होगा। दोनों तरफ कॉमर्शियल जोन में 50 हजार करोड़ से एक लाख करोड़ का निवेश संभव है. यह मार्ग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जावरा के पास भुतेरा से जुड़ेगा।

दूसरा फैसला-उज्जैन से लगी टूलेन सड़कों को फोर लेन, फोर लेन सिक्स लेन बनाया जाएगा।

तीसरा निर्णय – ग्रीनफील्ड सड़कों का टूलेन से फोरलेन में उन्नयन और 5812 करोड़ से 884.63 किमी जिला मुख्य सड़क और राज्य राजमार्ग। न्यू डेवलपमेंट बैंक से 5182 करोड़ रुपए उधार लिए जाएंगे।

ये भी एक अहम फैसला है

0-सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों को छठा वेतनमान स्वीकृत करें।
0- शहडोल के ब्यौहारी में 81 करोड़ से बनेगी 27 किलोमीटर रिंग रोड।
0-जबलपुर में नर्मदा पर झूला पुल निर्माण के लिए 177 करोड़ की मंजूरी
0-नीमच बायपास पर 21 किमी सड़क के लिए 111 करोड़ स्वीकृत
0-डायल-100 में पीवीजी इंडिया का टेंडर छह महीने बढ़ाया गया।
0-न्यायाधीशों के प्रशिक्षण के लिए जबलपुर में 485 करोड़ से अकादमी भवन।
0-स्मार्ट सिटी-100 के दूसरे चरण में उज्जैन, जबलपुर सेंटर से चयन। 125-125 करोड़ मिलेंगे.
0-अशोकनगर में करीला माता मंदिर और 21 किमी सड़क निर्माण के लिए 135 करोड़ रुपये स्वीकृत।
0-ग्रामीण सचिवों की मृत्यु पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रस्ताव।
कान्याखेड़ी, बंडा, उतावली, भावसार, पवई, विदिशा सहित 10 सिंचाई परियोजनाएँ 0-5180 करोड़।

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