MP में तबादलों पर बड़ा अपडेट, अफसरों की बढ़ी ताकत, जिलों के भीतर हो सकते हैं बदलाव

By Awanish Tiwari

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Transfer in MP NEWS – मध्य प्रदेश में ट्रांसफर पर बड़ा अपडेट सामने आया है. स्थानांतरण प्रक्रिया से न केवल समय की बचत होगी बल्कि समस्याओं का समाधान भी तुरंत हो सकेगा।

 

Transfer in MP NEWS  : मध्य प्रदेश में ट्रांसफर पर बड़ा अपडेट सामने आया है. पुलिस विभाग में जिला अधिकारी को जिले के भीतर परिवर्तन करने का अधिकार दिया गया है। नई व्यवस्था में जिले के पुलिस अधीक्षक जिलों के भीतर डीएसपी को इधर से उधर कर सकेंगे. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए गृह विभाग को भेज दिया है. वर्तमान में डीएसपी और एसडीओपी के तबादलों के लिए पुलिस मुख्यालय की मंजूरी अनिवार्य है। विभाग का मानना ​​है कि पुलिस अधीक्षकों या एसपी को अपने अधीनस्थ अधिकारियों के तबादले का अधिकार देना ज्यादा कारगर साबित होगा. इससे न केवल स्थानांतरण प्रक्रिया में लगने वाला समय बचेगा बल्कि समस्याओं का तुरंत समाधान भी होगा। अधिकारियों के तबादले की शक्ति एसपी को देने पर भी विभाग में असंतोष बढ़ रहा है.

मप्र में पुलिस विभाग में स्थानांतरण प्रक्रिया में तेजी लाने और कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एसपी को जिले के भीतर डीएसपी स्तर के अधिकारियों के स्थानांतरण का अधिकार देने की सिफारिश की गई है। नये प्रस्ताव में कहा गया है कि गृह विभाग जिलों में डीएसपी भेजेगा लेकिन उनकी नियुक्ति कहां करनी है, इसका फैसला एसपी करेंगे.

बता दें कि डीएसपी की नियुक्ति और ट्रांसफर फिलहाल गृह विभाग द्वारा किया जाता है. मप्र पुलिस मुख्यालय ने अब नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) के तबादले का अधिकार होगा. नये प्रस्ताव में एसपी अपने विवेक से जिले के विभिन्न अनुमंडलों में पदस्थापित या हटा सकेंगे. हालांकि तबादले से पहले प्रभारी मंत्री की अनुशंसा भी जरूरी होगी.

अप्रैल से आवेदन करने की बात कही

डीएसपी के तबादले की नई व्यवस्था इसी महीने यानी अप्रैल से लागू होने की बात कही जा रही है लेकिन इसका विरोध भी हो रहा है. नये प्रस्ताव को लेकर राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी दो गुटों में बंट गये हैं. जहां कुछ अधिकारी इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं, वहीं राज्य के कुछ नए अधिकारी इसे गलत बता रहे हैं. विरोधियों का कहना है कि नए प्रस्ताव से राजनेताओं का हस्तक्षेप बढ़ेगा.

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