वीरान पड़ा एक स्टेशन, एक उत्पाद का काउंटर
Jabalpur News: स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने अलग अलग स्टेशनों पर एक स्टेशन(a station) एक उत्पाद योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत रेलवे स्टेशनो में एक स्टाल खोला गया था, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते यह कुछ दिनो में ही बंद हो गया। बात देश के पहले पिंक स्टेशन मदन महल के प्लेटफार्म क्रमांक चार की हो रही है। सूत्रों(sources) की माने तो यहां मौजूद एक स्टेशन एक उत्पाद का काउंटर पिछले चार महीनो से ठप पड़ा हुआ है। जबकि संस्कारधानी की गजक, खोवा जलेबी, संगमरमर(marble) की हस्त निर्मित मूर्तियों का व्यवसाय काफी प्रसिद्ध है।
यह था उद्देश्य
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2022-23 में एक स्टेशन(a station) एक उत्पाद योजना की घोषणा की गई थी। भारतीय रेलवे(Indian Railways) स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा और लोगों को रोजगार देने के लिए एक स्टेशन(a station) एक उत्पाद योजना चला रहा है। अफसोस कि मदन महल स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक चार पर इसका काउंटर वीरान पड़ा है। इसमें आम इंसान अपने उत्पाद को रेलवे स्टेशन पर बेच सकता है। जिसके लिए रेलवे किराए पर स्टाल उपलब्ध कराता था। इन स्टाल पर हैंडीक्राफ्ट, लजीज व्यंजन, खिलौने जैसे स्थानीय उत्पाद बेचे जा सकते थे।
नहीं मिला रिस्पांस
रेलवे अधिकारियों(railway officials) की माने तो मदन महल स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक चार पर बने एक स्टेशन(a station) एक उत्पाद के काउंटर में जैसा रिस्पांस मिलना था वैसा नहीं मिल सका है। शुरुआत में स्थानीय उत्पाद रखे गए थे, लेकिन बिक्री न होने के कारण संचालक द्वारा इसे बंद कर दिया गया। हालांकि अधिकारियों द्वारा दावा किया गया है कि इसे जल्द ही खुलवाया जाएगा।
इनका कहना है
संबंधित अधिकारियों(officials) से इस स्टाल के बंद होने का कारण पूछा जाएगा। वैसा रिस्पांस मदन महल स्टेशन पर नहीं मिला होगा। लेकिन काउंटरो को फिर से शुरू किया जाएगा।
हर्षित श्रीवास्तव, सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेल