MP NEWS : महिलाओं के खिलाफ अपराध मध्य प्रदेश में … तीन साल में साढ़े सात हज़ार महिलाएँ

By Awanish Tiwari

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मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले तीन सालों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की 7,400 से ज़्यादा महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है। वहीं, पिछले डेढ़ साल में 21,000 से ज़्यादा महिलाएँ लापता हुई हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले तीन सालों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की 7,400 से ज़्यादा महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है। वहीं, पिछले डेढ़ साल में 21,000 से ज़्यादा महिलाएँ लापता हुई हैं। इसके अलावा, मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में शिक्षित युवा रोज़गार की तलाश में हैं। इनमें इंजीनियरिंग, एमबीबीएस, एमबीए और पोस्ट ग्रेजुएशन जैसी उच्च डिग्री वाले युवा भी शामिल हैं। यह चौंकाने वाली जानकारी खुद सरकार ने राज्य विधानसभा में दी है। दरअसल, राज्य में पिछले तीन वर्षों (2022 से 2024) के दौरान अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग की 7,418 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है। जबकि सामूहिक बलात्कार की 338 घटनाएं हुईं। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में दी।

यह जवाब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया गया। उन्होंने एससी और एसटी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के आंकड़े मांगे थे। सरकार ने बताया कि इन तीन वर्षों में 147 एससी महिलाओं की हत्या हुई। जबकि 411 अनुसूचित जनजाति महिलाओं की हत्या हुई। आंकड़ों के अनुसार, एससी वर्ग की महिलाओं के खिलाफ अपराध की प्रमुख श्रेणियों में तीन वर्षों के अंदर कुल 7,355 (2022), 7,343 (2023) और 7,100 (2024) मामले दर्ज किए गए। इस बीच, अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के खिलाफ क्रमशः 7,498 (2022), 7,941 (2023) और 7,647 (2024) अपराध दर्ज किए गए। इनमें हत्या, बलात्कार, अपहरण, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और अन्य अपराध शामिल हैं।

डेढ़ साल में दो हज़ार लड़कियाँ गायब

 

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कांग्रेस विधायक बाला बच्चन और सचिन यादव के एक प्रश्न के उत्तर में, सरकार ने बताया कि जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच 21,175 महिलाएँ और 1,954 नाबालिग लड़कियाँ लापता हुईं। इस अवधि में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बलात्कार की 10,840 घटनाएँ हुईं, जिनमें 4,805 महिलाएँ और 6,035 नाबालिग थीं।

आंकड़े चौंकाने वाले

राज्य सरकार ने यह भी बताया कि राज्य के 31 जिलों में महिलाओं के लापता होने की सूचना मिली है। इनमें इंदौर (2,623), भोपाल (1,630), जबलपुर (1,458), छिंदवाड़ा (1,157), खरगोन (1,146), धार (1,057) और ग्वालियर (1,040) जैसे जिले शामिल हैं।

शिक्षित युवाओं को बेरोजगारी की दरकार

 

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इस बीच, मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में युवा रोजगार की तलाश में हैं। विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार ने बताया कि राज्य में 25 लाख 68 हज़ार से ज़्यादा इच्छुक युवा हैं। इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे युवा हैं जिन्होंने इंजीनियरिंग, एमबीबीएस, एमबीए और पोस्ट ग्रेजुएशन जैसी डिग्रियाँ हासिल की हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकारी नौकरी पाने के लिए पोर्टल पर 2.5 लाख से ज़्यादा पोस्ट ग्रेजुएट, 86 हज़ार इंजीनियर, 18,800 एमबीए पास और 4,800 से ज़्यादा एमबीबीएस डिग्री धारक पंजीकृत हैं। इसके अलावा, 8.3 लाख ग्रेजुएट बेरोजगार हैं जो नौकरी का इंतज़ार कर रहे हैं।

बेरोजगारी में भोपाल दूसरे नंबर पर

जिलों की बात करें तो सागर में सबसे ज्यादा 95,835 बेरोजगार हैं, जो भोपाल से दूसरे और ग्वालियर से तीसरे नंबर पर हैं। सामाजिक वर्गों की बात करें तो ओबीसी से 10 लाख, एससी से 4.69 लाख, एसटी से 4.18 लाख और सामान्य वर्ग से 6.34 लाख बेरोजगार पोर्टल पर पंजीकृत हैं। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक बाला बच्चन द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि 30 जून 2025 तक 25.68 लाख युवाओं ने रोजगार पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। हालांकि, सरकार का दावा है कि बेरोजगारी दर में 0.56 फीसदी की कमी आई है।

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