मामला उजागर होते ही ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने कर दिया रफा-दफा
Satna news: शासकीय मेडिकल कॉलेज से संबद्ध होने पर एक ओर जहां जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों सहित अन्य स्टॉफ की संख्या में बढ़ोत्तरी होने के साथ-साथ चिकित्सकीय सुविधाओं में इजाफा होता नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर यहां पर सक्रिय दलालों की संख्या भी दिन दूनी रात चौगुनी की गति बढ़ती जा रही है. शायद ही ऐसा कोई दिन होता हो जब अस्पताल परिसर में दलालों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक वाक युद्ध होता दिखाई न दे. इसी कड़ी में गुरुवार को अस्पताल परिसर में उस वक्त असहज स्थिति हो गई जब पैसा देने के बावजूद भी खून नहीं मिलने से आक्रोशित परिजनों ने दलाल को पकडक़र हंगामा शुरु कर दिया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय(District Hospital) के अस्थि रोग वार्ड क्र. 2 में एक बुजुर्ग महिला भर्ती थी. महिला(Woman) की हड्डी में गंभीर फै्रक्चर होने की वजह से अस्थि रोग चिकित्सक द्वारा ऑपरेशन(operation) कराने की सलाह दी गई थी. महिला की उम्र की और शारीरिक कमजोरी की वजह से ऑपरेशन के दौरान रक्त की आवश्यकता भी महसूस की गई. जिसके लिए महिला के परिजनों को 3 युनिट खून का इंतजाम करने के लिए कहा गया था. जिसमें से 1 युनिट ब्लड का इंतजाम तो परिवार के एक सदस्य द्वारा एक्सचेंज के लिए खून दिए जाने के जरिए हो गया. लेकिन शेष बचे 2 युनिट रक्त को प्राप्त करने के लिए परिजनों ने ब्लड बैंक(blood bank) में मौजूद कर्मचारियों से संपर्क किया. परिजनों के अनुसार ब्लड बैंक के एक कर्मचारी ने उन्हें अस्पताल की पार्किंग में मौजूद पिंटू मिश्रा नामक व्यक्ति से संपर्क करने की सलाह दी. लिहाजा परिजनों से पिंटू से मुलाकात करते हुए 2 युनिट खून की आवश्यकता बताई.
परिजनों के अनुसार पिंटू फौरन ही 2 युनिट खून दिलाने के लिए राजी हो गया लेकिन इसके एवज में उसने 9 हजार रु की मांग की. कुछ देर तक सोच विचार करने के बाद परिजनों ने उसे 9 हजार रु सौंप दिए. जिसके एवज में पिंटू से 1 युनिट रक्त का इंतजाम फौरन ही ब्लड बैंक से कर दिया. जिसे लेकर परिजन वार्ड में चले गए. लेकिन जब शेष बचे 1 युनिट रक्त को लेकर परिजनों ने खोजबीन शुरु की तो पिंटू वहां से नदारद हो गया. ब्लड बैंक से लेकर अस्पताल परिसर में काफी खोजने के बावजूद भी उसका कोई पता नहीं चला. वहीं दूसरी ओर भर्ती महिला को ऑपरेशन और इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. जिसे लेकर परिजन वापस लौट गए. इसी कड़ी में गुरुवार को एक बार फिर से परिजन खून के दलाल को खोजते हुए जिला अस्पताल पहुंचे और कड़ी मशक्कत करते हुए आखिरकार उसे दबोच लिया.
चौकी में नहीं हुई सुनवाई
खूल के दलाल को पकडऩे के बाद परिजन उसे अस्पताल चौकी ले गए और प्रति युनिट रक्त के लिए 4500 रु वसूलने और फिर भाग जाने का आरोप लगाया. लेकिन चौकी में मौजूद पुलिसकर्मियों(policemen) ने समूचे घटनाक्रम से पल्ला झाड़ते हुए परिजनों को बाहर जाने को कहा दिया. जिसके चलते दलाल को लेकर परिजन एक बार फिर अस्पताल परिसर में पहुंच गए. इस दौरान दलाल ने भागने की भरपूर कोशिश भी की. लेकिन परिजनों ने भागने नहीं दिया. जिसे लेकर परिसर में काफी देर तक हंगामा होता रहा.
आरएमओ ने ली क्लास
हंगामा होता देख आरएमओ डॉ. शरद दुबे मौके पर पहुंच गए और चर्चा कर घटना की जानकारी ली. माजरा समझ में आते ही आरएमओ(rmo) डॉ. दुबे ने खून के दलाल को कड़ी फटकार लगाते हुए वहां पर तैनात गार्ड को सौंप दिया. आरएमओ ने गार्ड से सख्त लहजे में ताकीद की कि उक्त व्यक्ति दोबारा अस्पताल परिसर में नजर नहीं आना चाहिए. लिहाजा गार्ड ने दलाल को बाहर का रास्ता दिखाने में देर नहीं लगाई.
ब्लड बैंक से वापस मिले पैसे
खून(Blood) की दलाली को लेकर अस्पताल परिसर में मच रहे हंगामे को देखते हुए ब्लड बैंक में तैनात कर्मचारियों(employees) के कान खड़े हो गए. मौके की नजाकत को भांपते हुए एक संदेश वाहक को आक्रोशित परिजनों के पास भेजा गया. जब परिजन ब्लड बैंक में पहुंचे तो उन्हें समझाते बुझाते हुए आश्वस्त किया गया उनका जो पैसा दलाल लेकर डकार गया, वह उन्हें वापस मिल जाएगा. लेकिन परिजन मामने को तैयार नहीं थे. मामल के तूल पकडऩे पर मुसीबत अधिक बढऩे की आशंका के मद्देनजर ब्लड बैंक के एक कर्मचारी ने बिना देर किए परिजनों को 4500 रु सौंप दिए. पैसा वापस मिलने से परिजनों के चेहरे पर संतुष्टि का भाव देख ब्लड बैंक कर्मियों ने मामले को वहीं पर रफा-दफा करने का निवेदन भी किया.