सतना पुलिस ने कियोस्क संचालकों से ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले दो शातिर ठगों को किया गिरफ्तार

By Awanish Tiwari

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सतना पुलिस ने कियोस्क संचालकों से ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले दो शातिर ठगों को किया गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी और गोंडा निवासी आरोपी गिरफ्तार, 40,000 नकद व मोबाइल किए गए जब्त

सतना,  सतना पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश करते हुए कियोस्क संचालकों से ठगी करने वाले दो सदस्यों के गिरोह को गिरफ्तार किया है। आरोपी बड़ी चालाकी से मोबाइल और ऑनलाइन पेमेंट एप्स का दुरुपयोग कर रकम अपने फर्जी खातों में ट्रांसफर करते थे।

घटना की शुरुआत और पीड़ित का बयान

24 मई को त्रिवेणी प्रसाद वर्मा नामक कियोस्क संचालक ने थाना सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई कि एक व्यक्ति उनके कियोस्क पर आया और खुद को पवन कुमार सिंह बताते हुए ₹1000 ट्रांसफर कराया। कुछ समय बाद वह व्यक्ति दोबारा लौटा और बातचीत के दौरान दुकानदार का मोबाइल हथिया कर उसमें से ₹60,000 की धोखाधड़ी कर भाग गया।

जांच में हुआ खुलासा

थाना सिटी कोतवाली पुलिस ने अन्य मामलों की भी जांच शुरू की और पाया कि यह संगठित ऑनलाइन फ्रॉड गैंग है। दोनों आरोपी पवन कुमार सिंह (बाराबंकी) और अंकुर सिंह (गोंडा) यूपी से ट्रेन के माध्यम से सतना आए और एक अलग जिले (रीवा) से बाइक किराए पर लेकर अपराध की योजना बनाई, ताकि पकड़ में आने से बचा जा सके।

फ्रॉड का तरीका

  1. आरोपी नकदी लेकर दुकानदार का भरोसा जीतते।
  2. मोबाइल लेकर ट्रांजैक्शन के दौरान उसका पासवर्ड नोट कर लेते।
  3. व्यस्तता का फायदा उठाकर बड़ी रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते।
  4. ट्रांजैक्शन डिलीट कर मोबाइल लौटाकर फरार हो जाते।
  5. ये खाते ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा ऐप्स से जुड़े होते, जिससे ट्रेस करना मुश्किल होता।

जप्त सामान

  • ₹40,000 नकद
  • दो एंड्रॉयड मोबाइल (ओप्पो व वीवो)

आरोपियों के नाम और पता

  1. पवन कुमार सिंह, निवासी बांसगांव, थाना टिकैतनगर, जिला बाराबंकी, यूपी
  2. अंकुर सिंह, निवासी ग्राम दुरौनी, थाना परसपुर, जिला गोंडा, यूपी

सतर्कता और बचाव के सुझाव

  • अजनबी को अपना मोबाइल कभी न दें
  • ट्रांजैक्शन के समय पूर्ण सतर्कता बरतें
  • पासवर्ड व पिन को गोपनीय रखें
  • संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत पुलिस को सूचना दें

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका

इस कार्रवाई में निरीक्षक रावेंद्र द्विवेदी, उनि प्रीति कुशवाहा, सायबर सेल प्रभारी अजीत सिंह, और उनकी टीम की भूमिका सराहनीय रही।

👉 यह केस एक बार फिर साबित करता है कि डिजिटल लेनदेन में लापरवाही बड़े फ्रॉड का कारण बन सकती है। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।

 

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