Shivratri: उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में 29 फरवरी से शिव नवरात्रि का महापर्व शुरू हो गया है। ये त्योहार 8 मार्च तक मनाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक इस पर्व के अनुसार आज से भगवान शिव का विवाह उत्सव शुरू हो रहा है. इसी के चलते आज कोटेश्वर महादेव की पूजा के साथ इस पर्व की शुरुआत हो गई है. दरअसल, बाबा महाकाल के यहां साल में एक बार दोपहर में भस्म आरती इस बार 9 मार्च को दोपहर 12 बजे होगी. जिसके चलते 9 मार्च को बाबा महाकाल दूल्हा बनकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे.(Shivratri)
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सुबह 8 बजे 11 पंडितों ने बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन और अभिषेक किया
इस उत्सव के बारे में अधिक जानकारी देते हुए पं. महेश पुजारी ने बताया कि सुबह 8 बजे 11 पंडितों ने बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन और अभिषेक किया है. आज भगवान वीरभद्र को जल चढ़ाकर महाकाल के गर्भगृह में जाने की आज्ञा सभी पंडितों ने ले ली है. इस दौरान 11 पंडितों ने बाबा महाकाल का अभिषेक पूजन किया. जानकारी के मुताबिक आज दोपहर 3 से 5 बजे तक भगवान महाकाल को मेखला चढ़ाई जाएगी. जिसके बाद शाम ढलते ही यानी 7 बजे आरती से पहले बाबा का श्रृंगार उतार दिया जाएगा. इस दौरान 9 दिनों तक बाबा महाकाल का अलग-अलग श्रृंगार होगा।
मेखला क्या है?
शिवरात्रि के इस महापर्व के दौरान बाबा महाकाल के जलाधारी जो वस्त्र धारण करते हैं उसे मेखला या अंगवस्त्र कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक मेखला चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जल चढ़ाने वाले को कोई नुकसान न हो. जानकारी में पता चला है कि इसे मौसम के हिसाब से तैयार किया जाता है. शिव के इस महापर्व नवरात्रि के दौरान 9 दिनों के लिए अहमदाबाद (गुजरात) से लेकर उज्जैन तक अलग-अलग मैचिंग के कपड़े मंगवाए गए हैं.वहीं महोत्सव के बारे में पं. महेश पुजारी का कहना है कि इस दौरान बाबा महाकाल को 3 क्विंटल फूल चढ़ाए जाने चाहिए. साथ ही बाबा महाकाल को स्वर्ण आभूषण, स्वर्ण चंद्रमा, स्वर्ण त्रिपूर्ण और स्वर्ण तिलक पहनाकर दूल्हा बनाया जाएगा. इतना ही नहीं, बाबा महाकाल का 3 क्विंटल फूलों से 11 फीट लंबा सेहरा तैयार किया जा रहा है.