Singrauli news: झाबुआ में दांत दर्द के बदले सल्फास की गोली देने के बाद भी सिंगरौली में मेडिकल स्टोर पर नहीं दिख रही प्रशासन की सख्ती

By Awanish Tiwari

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Singrauli news: झाबुआ में दांत दर्द के बदले सल्फास की गोली देने के बाद भी सिंगरौली में मेडिकल स्टोर पर नहीं दिख रही प्रशासन की सख्ती

कई मेडिकल स्टोर के संचालक खुद बन जाते हैं डॉक्टर, मरीजों को मर्ज पूछकर दे देते हैं डोज

सिंगरौली. प्रदेश के झाबुआ में दांत दर्द के बजाए मेडिकल स्टोर से महिला को सल्फास की गोली दिए जाने के बाद पत्रिका पड़ताल में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है कि ऊर्जाधानी के भी ज्यादातर मेडिकल स्टोर पर नियमों का पालन नहीं हो रहा है। बिना डॉक्टर की पर्ची के धड़ल्ले से दवा दे रहे हैं। यदि आपको सर्दी-खांसी, बुखार या फिर कोई भी मर्ज हो, मेडिकल स्टोर पर जाकर लक्षण बताओ और दवाई ले लो। इसके लिए डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन की भी जरूरत नहीं। कई मेडिकल स्टोर संचालक तो खुद ही डॉक्टर की भूमिका में आ जाते हैं। ऐसे में यदि गलत दवाई लेने से कोई गंभीर शारीरिक परेशानी हुई या किसी की जान चली जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।

गौरतलब है कि जिले में ४०० से ज्यादा मेडिकल स्टोर हैं। नियमानुसार किसी भी मरीज को बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाई नहीं दी जा सकती। हालांकि इस नियम का कहीं भी पालन नहीं किया जा रहा।

विगत दिवस झाबुआ में हुए घटनाक्रम में भी यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आई। सबसे ज्यादा खराब स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की हैं। वहां पर मेडिकल स्टोर तो है, लेकिन क्वालीफाइड डॉक्टर्स नहीं हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य रूप से बीमार होने पर लोग मेडिकल स्टोर से सीधे दवाई ले लेते हैं।

क्यों खतरनाक है ऐसे दवा लेना
डॉक्टर पूरी मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद दवाई लिखते हैं। इसमें ब्लड प्रेशर, शुगर और अन्य मेडिकल कंडीशंस देखी जाती है। जबकि, मेडिकल स्टोर से मरीज को उसके लक्षण के आधार पर दवाई दे दी जाती है। कई बार ए दवाएं शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। लोग कुछ इंजेक्शन या कफ सीरप भी बिना प्रिस्क्रिप्शन के खरीद लेते हैं।

निर्देश का पालन नहीं

जिले में सैकड़ों की संख्या में मेडिकल स्टोर हैं। सभी स्टोर संचालकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे बिना प्रिस्क्रिप्शन के किसी को दवाई न दें। प्रिस्क्रिप्शन का फोटो अपने मोबाइल में रिकॉर्ड के बतौर रखें। किंतु इस निर्देश का पालन हो रहा है या नहीं यह देखने वाला कोई नहीं है।

बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना बेहद खतरनाक है। डॉ. लक्षणों के आधार पर आधुनिक मशीनों से जांच करवाता है, जहां बीमारी स्पष्ट होने के बाद ही दवा की पर्ची लिखते हैं, जबकि मेडिकल स्टोर को आप लक्षण बताएं और वे दवा दे दिए, जो कभी बहुत घातक साबित हो जाती है। जो मर्ज नहीं है, उसकी दवा लेने पर साइड इफेक्ट बहुत ज्यादा होता है, जो न सिर्फ नई बीमारियों को पैदा कर देता है, बल्कि कभी-कभी जानलेवा साबित हो जाता है। आजकल देखा गया है कि हल्का बुखार या सिरदर्द होने पर लोग एंटीबायोटिक दवा लेते हैं। कई लोग तो अपने पास हमेशा इन दवाओं को रखते हैं और थोड़ी सी तकलीफ में ही पेन किलर लेने लगते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए।

डॉ. एनके जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिंगरौली

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