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SINGRAULI NEWS . पावर प्रोजेक्ट विंध्याचल की राख विंध्यनगर सहित यूपी के सीमांचल इलाके में कोहराम मचा रही है। राख निस्तारण को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण एनजीटी के निर्देश को दरकिनार किए जाने से प्रदूषण स्थिति की भयावह होती जा रही है। आरोप है कि सिंगरौली जिला मुख्यालय को राख के प्रदूषण से सुरक्षित करने के लिए सडक़ परिवहन का रूट बदल दिए जाने से जो हालात पैदा हुए हैं उसके खिलाफ अब शक्तिनगर क्षेत्र के लोग मुखर होने लगे हैं।
प्रदूषण के गंभीर मसले पर जिला पंचायत सदस्य पानपति बबलू प्रधान ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखकर दोषियों पर कार्रवाई व एनजीटी के दिशा निर्देशों का पालन कराने की मांग की है। देश की महारत्न बिजली उत्पादक कंपनी का सबसे बड़ा पावर प्लांट विंध्यनगर में स्थापित है। यहां से उत्सर्जित राख को गोरबी में स्थित एक बंद कोयला खदान में डाला जा रहा है। आरोप है कि मप्र में उत्सर्जित राख को मध्यप्रदेश में ही निस्तारित किए जाने के दौरान सडक़ परिवहन का रूट इसलिए बदल दिया गया कि खुले ट्रक ट्रेलरों से परिवहन की जा रही राख जिला मुख्यालय को प्रदूषित कर रही थी। अब इस राख का परिवहन विंध्यनगर स्थित राख बांध से यूपी के शक्तिनगर के रास्ते पुन: चिह्नित स्थान पर भेजा जा रहा है। परिवहन में नियमों की अनदेखी किए जाने से ओवरलोड ट्रक ट्रेलरों से गिरने वाली राख यूपी के कई किमी क्षेत्र को प्रदूषित कर रही है।
प्रदूषण की दोहरी मार झेल रही जनता
इसके चलते कोयले के गर्द से पहले से प्रदूषित क्षेत्र पर प्रदूषण की दोहरी मार पड़ रही है और भयावह प्रदूषण की समस्या से जूझने लगे हैं। समाजसेवी हेमंत मिश्र, मुकेश सिंह, गणेश मिश्रा, चंदन सिंह ने प्रदूषण के मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों चेतावनी देते हुए कहा कि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो प्रदूषण के खिलाफ जनता सडक़ पर उतरने को बाध्य होगी।
राखड़ परिवहन का रूट निर्धारित किया गया है। सभी निर्धारित मानकों के पालन के साथ राखड़ का परिवहन करना है। नियम का पालन नहीं हो रहा है तो देखेंगे और जरूरत पड़ी तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
संजीव मेहरा, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी
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