एमपी के 5 शहरों में 7 मई को बजेगा ‘हवाई हमले’ का सायरन, 1971 के बाद पहली बार देशभर में मॉक ड्रिल

By Awanish Tiwari

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एमपी के 5 शहरों में 7 मई को बजेगा ‘हवाई हमले’ का सायरन, 1971 के बाद पहली बार देशभर में मॉक ड्रिल

भोपाल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्कता चरम पर है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने देश के 244 सिविल डिफेंस जिलों में 7 मई 2025 को मॉक ड्रिल का आयोजन करने का निर्णय लिया है। इस अभूतपूर्व अभ्यास में मध्यप्रदेश के पांच प्रमुख जिले भी शामिल किए गए हैं, जहां हवाई हमले की स्थिति का अभ्यास किया जाएगा।


‘ह’ से हवाई हमले की मॉकड्रिल: एमपी के इन जिलों में बजेगा सायरन

जारी आदेश के अनुसार, मध्यप्रदेश के जिन 5 जिलों में यह मॉक ड्रिल आयोजित होगी, वे हैं:

  • भोपाल
  • इंदौर
  • जबलपुर
  • ग्वालियर
  • कटनी

इन जिलों में 7 मई को तय समय पर हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजेंगे और नागरिकों को निर्देश दिए जाएंगे कि ऐसी परिस्थिति में कैसे सतर्क और सुरक्षित रहा जाए। नागरिकों से अपेक्षा की गई है कि वे इस अभ्यास को गंभीरता से लें और स्थानीय प्रशासन द्वारा दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें।


1971 युद्ध के बाद पहली बार देश में हो रही है ऐसी मॉक ड्रिल

यह मॉक ड्रिल इसलिए भी ऐतिहासिक मानी जा रही है क्योंकि 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ही आखिरी बार देशभर में इस स्तर की नागरिक सुरक्षा तैयारी की गई थी। तब भी युद्ध की पृष्ठभूमि में लोगों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने का अभ्यास कराया गया था।

अब जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ कई द्विपक्षीय समझौते रद्द कर दिए हैं, तब यह मॉक ड्रिल न सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि जनजागरूकता का एक अहम कदम भी है।


लोगों को मिलेंगे ये निर्देश

ड्रिल के दौरान स्थानीय प्रशासन द्वारा नागरिकों को निम्न दिशा-निर्देश दिए जाएंगे:

  • सायरन की आवाज़ सुनते ही तुरंत सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ें।
  • सार्वजनिक स्थलों, खुले मैदानों या ऊंची इमारतों से दूर रहें।
  • रेडियो, मोबाइल या सरकारी माध्यमों से आने वाले निर्देशों का पालन करें।
  • किसी भी अफवाह से बचें और शांति बनाए रखें।

सिविल डिफेंस तंत्र होगा सक्रिय

इस ड्रिल के ज़रिए न सिर्फ आम नागरिकों की सतर्कता की जांच की जाएगी, बल्कि सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षा तंत्रों की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता भी परखी जाएगी। मध्यप्रदेश में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि वे मॉक ड्रिल के लिए समुचित तैयारी और समन्वय सुनिश्चित करें।


क्यों जरूरी है ये अभ्यास?

पहलगाम हमले ने एक बार फिर साबित किया है कि भारत को आतंकी खतरे से निपटने के लिए हमेशा सतर्क रहना होगा। ऐसी मॉक ड्रिल लोगों को न सिर्फ मानसिक रूप से तैयार करती है, बल्कि वास्तविक आपात स्थिति में नुकसान को न्यूनतम करने में मददगार साबित होती है।

एमपी सहित देश के 244 जिलों में होने जा रही यह मॉक ड्रिल, एक गंभीर संदेश है कि देश अब किसी भी खतरे के लिए हर स्तर पर प्रशिक्षित और सजग रहना चाहता है।

 

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