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Breaking News: गौशालाओं में खानापूर्ति के नाम पर सड़कों पर मवेशी, हो रहे हादसे
Singrauli Breaking News. गौवंश को सुरक्षित रखने के लिए गौशाला बनाने के दावे तो Government की उपलब्धियों में गिनाए जाते हैं, लेकिन धरातल पर आज भी cow dynasty सडक़ों पर भटक रहा है। व्यस्ततम markets में घूमने वाले आवारा मवेशी जहां आवागमन में बाधा बन रहे है,ं वहीं सडक़ पर बैठे मवेशी सडक़ हादसों का सबब भी बन रहे हैं। इसमें न केवल मवेशियों की जान भी जा रही है, बल्कि उनसे टकराकर लोग भी दुनिया छोड़ रहे हैं। यह हालात तब हैं जबकि गौशालाओं के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए।
सिंगरौली के मुयालय वैढऩ में तो कोई गौशाला नहीं बनाई गई, लेकिन बाजार में घूमने वाले आवारा मवेशियों को बाहर खदेडऩे का ठेका नगर निगम द्वारा दिया जाता है। ठेकेदार भी ठेका लेकर गौवंश को सडक़ पर अपने हाल पर छोडक़र समय पर अपनी राशि वसूल करता रहता है। यही वजह है कि बस स्टैंड से लेकर मुय बाजार में यह आवारा मवेशी आमजन के लिए परेशानी बने हुए हैं। जिले की कई ग्राम पंचायतों में गौशाला निर्माण अधर में लटका हुआ है। वहीं जहां निर्माण पूरा हो गया है, तो वहां हैंडओवर नहीं होने से उनका संचालन नहीं हो रहा। वर्तमान में स्थिति यह है कि आवारा मवेशियों के चलते न केवल दुर्घटनाएं हो रही हैं, बल्कि फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
बता दें कि जिले भर में 33 गौशालाओं का निर्माण स्वीकृत हुआ था। जिसमें से 27cow shed बनकर तैयार हो गईं हैं तथा उनका संचालन भी शुरू हो गया है। इनमें से अभी 18 गौशालाओं में 100 गायों को रखा जाने की वजह से उनका पंजीयन गौ संवर्धन बोर्ड में होने के बाद उनके लिए राशि मिलना शुरू हो गई है, शेष में अभी सौ का आंकड़ा पूरा नहीं हुआ है। पशु चिकित्सा विभाग के इन आंकड़ों के विपरीत शहर से लेकर गांव तक सडक़ों पर आवारा मवेशियों का झुंड न केवल यातायात बाधित कर रहा है, बल्कि किसानों के खेतों में फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। अभी तक विभाग की ओर से मवेशियों को गौशालाओं में पहुंचाने का निर्देश हवा-हवाई ही रहे हैं।
फैक्ट फाईल
जिले भर में मवेशियों की संया: 80 हजार
गौशाला मेें मवेशी पहुंचाने का दावा: 1800
एक गौशाला निर्माण पर खर्च: 38 लाख
एक गौशाला की क्षमता:100
ब्लाकवार गौशालाएं
बैढऩ: 10, देवसर: 11, चितरंगी: 14
बोले उप संचालक पशु: अभी 6 निर्माणाधीन
जिले में 33 गौशाला स्वीकृत हुईं, जिनमें से 27 का संचालन शुरू हो गया है, लेकिन संया पूरी करने के बाद 18 पंजीकृत हुई हैँ, जिन्हें 20 रुपए प्रति मवेशी प्रतिदिन राशि मिलना शुरू हो गई है। शेष में गौवंश पूरा होने पर पंजीयन होगा, तब उन्हें राशि मिलेगी।