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वीडियो वायरल होने पर हटाया सोनकच्छ तहसीलदार को ,किसानों से कहा था-अंडे से निकले नहीं कर रहे मरने-मारने की बात
भोपाल (ईएमएस)। प्रदेश के देवास जिले की तहसील सोनकच्छ में पदस्थ तहसीलदार का किसानों से अभद्रता करने वाला वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें हटा दिया गया है। तहसीलदार का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं मामले में संज्ञान में लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि, अधिकारी आम लोगों के साथ सभ्य और शालीन भाषा का इस्तेमाल करें। इस तरह की अभद्र भाषा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेरे निर्देश के बाद कलेक्टर द्वारा तहसीलदार अंजलि गुप्ता को जिला मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सुशासन हमारी सरकार का मूल मंत्र है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर देवास जिले के सोनकच्छ तहसीलदार के वायरल हो रहे वीडियो को संज्ञान में लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि, अधिकारी आम लोगों के साथ सभ्य और शालीन भाषा का इस्तेमाल करें।
इस तरह की अभद्र भाषा बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सोनकच्छ से 5 किमी दूर कुमारियाराव में पिछले दिनों चौबाराधीरा से सोनकच्छ तक 132 केवी की लाइन के तार लाए जा रहे हैं, जिसमें ग्राम कुमारियाराव में खड़ी फसल में लाइट के पोल लगाने को लेकर किसान और तहसीदार आमने-सामने हो गए, इस दौरान वहां मौजूद एक अन्य किसान ने वीडियो बना लिया जो घटना के चार दिन बाद इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। मालूम हो कि 7 जनवरी को पहली बार जब एमपीपीटीएल कंपनी के कर्मचारी किसान के खेत मे गए तो किसान दिनेश जाट व उनके परिजनों ने उनको मना कर दिया कि खड़ी फसल में हम पोल नहीं लगाने देंगे फसल बर्बाद होगी। इसके बाद कंपनी के कर्मचारी तहसीलदार अंजलि गुप्ता के पास गए, खड़ी फसल का हवाला देते हुए तहसीलदार ने कंपनी के कर्मचारियों को मना कर दिया कि यह संभव नहीं है। इस बीच अधिकारी कलेक्टर से जाकर चर्चा करने पहुंचे।
उन्होंने तहसीलदार को निर्देशित किया, साथ ही किसानों को उचित मुआवजा दिलवाने की बात भी कही। इसी बीच कलेक्टर के आदेश का पालन करते हुए तहसीलदार पहुंचीं, समझाया और किसान मान गए, साथ ही जाट परिवार के लोगों ने कलेक्टर से चर्चा करने की बात कही, अगले दिन कंपनी के लोग जेसीबी मशीन लेकर पहुंच गए, जिससे किसान जाट परिवार नाराज हो गया, और उन्होंने एमपीपीटीएल कंपनी के अधिकारियों को वापस भेज दिया। इसके बाद गुरुवार को मैडम फिर पहुंची और किसान के बेटे के यू आर रिस्पॉन्सिबल शब्द सुनने के बाद भड़क गईं। 50 सेकंड के इस वीडियो में तहसीलदार ने कहा चूजे हैं, ये अंडे से निकले नहीं मरने-मारने की बड़ी बड़ी बात करते है, मैं अभी तक आराम से बात कर रही थी लेकिन आज इसने कैसे बोल दिया मैं कैसे रिस्पॉन्सिबल हूं, क्या मैंने बोला क्या एमपीपीटीएल को, मैं तहसीलदार हूं, शासन को आपने चुना मैंने चुना क्या? वीडियो बना रहे व्यक्ति के हाथ से फोन लेकर उन्होंने वीडियो डिलीट करवाई, इसके साथ ही माफी भी मांगी गई, लेकिन घटना के 4 दिन बाद सोमवार को वीडियो बहुप्रसारित हो गया। ग्राम कुमारिया राव के किसान नारायण पुत्र कृष्णजी जाट, शैलेन्द्र पुत्र मांगीलाल, सुनील पुत्र मांगीलाल, विनोद पिता दिनेश सभी एक परिवार के सदस्य होकर तहसीलदार को पोल लगाने की सहमति भी दी थी, जिसमें लिखा था हमारे खेत पर जो टावर लगाने का कार्य किया जा रहा है उसमें हम कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं करेंगे, हमने जो भी पूर्व में व्यवधान उत्पन्न किया है उसके लिए हम क्षमा प्रार्थी है। किसान शैलेन्द्र (पप्पू) ने बताया कि जब बात हुई तब वो वही मौजूद थे, पहली बार जब तहसीलदार मैडम आई थी उन्होंने पहले कहा था किसानों की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाने का किसी को अधिकार नहीं है।
हमने एमपीपीटीएल के साथ किसी भी कर्मचारी से कोई गलत व्यवहार नहीं किया, हमने एमपीपीटीएल कंपनी के अधिकारियों से कहा कि आप लोग फसल कट जाने दो लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं मानी। इसी बीच मैडम आई और उन्होंने हमारे साथ बदममीजी की, वीडियो के अलावा भी कुछ अन्य शब्द थे जो वीडियो में कैद नहीं है। जब वीडियो बनाया था तब मैडम ने खुद अपने हाथ से वीडियो डिलीट किया था, लेकिन वीडियो कैसे बहुप्रसारित हुआ पता नहीं। इसके बाद हमने मंडी के रेट से मुआवजा मिलने की बात को सुनकर स्वीकृति और हमारे द्वारा किए गए हस्तक्षेप को लेकर एक पेपर पर माफी दी। इसके पहले ठेकेदार ने कोई मुआवजे की बात नहीं की सीधे खेत मे आकर पोल गाड़ने लगे, जिसका हमने विरोध किया।
हम इस मामले में किसी अधिकारी से कोई शिकायत नहीं करना चाहते। इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि जब देश के प्रधानमंत्री का कहना है कि देश में केवल 4 जातियां है जिसमें हम किसान भी एक है, लेकिन मैडम ने जो व्यवहार किया वो गलत है। इस बारे में एसडीएम सोनकच्छ संदीप शिवा का कहना है कि मीडिया के माध्यम से वीडियो की जानकारी सामने आई है। उसमें जो भी है वो अधूरा है, कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा सामने किससे, क्या बात हुई है। पता कर रहे हैं कि वास्तव में क्या हुआ था, उसके बाद आगे कदम उठाया जाएगा। वहीं सोनकच्छ तहसीलदार अंजलि गुप्ता का कहना है कि 132 केवी लाइन के पोल के काम, मुआवजा आदि पर समझाइश देने के दौरान बच्चों ने वाद-विवाद शुरू कर दिया था। अपशब्द भी कहे थे, इस पर उनको डांट लगाई थी। परिवार ने काम को लेकर सहमति दी थी, बाद में शासकीय कार्य में बाधा डाली गई। घटना के बाद उनके द्वारा आवेदन देकर माफी भी मांगी गई थी।
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