भोपाल: मध्य प्रदेश भाजपा में संगठनात्मक गतिविधि अब नए मोड़ पर आ गई है। राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष की ताजपोशी के बाद पार्टी तीन दिवसीय महत्वपूर्ण बैठकों के दौर में प्रवेश कर रही है। 29 से 31 जुलाई तक भोपाल और दिल्ली में होने वाली बैठकों में न केवल विधानसभा के मानसून सत्र की तैयारी की जाएगी, बल्कि संगठन की रणनीति के साथ-साथ विपक्ष के तेज होते हमलों की धार को कैसे कुंद किया जाए, इस पर भी विचार किया जाएगा। इन बैठकों को भाजपा की भावी दिशा निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है। 29 से 31 जुलाई तक तीन दिन महत्वपूर्ण बैठकें हैं। बैठकों का आयोजन।
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पहले दिन 29 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में भाजपा विधायक दल की बैठक आयोजित होगी। इस बैठक में आगामी विधानसभा के मानसून सत्र की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, विपक्ष के तीखे हमलों और आरोपों का जवाब देने के लिए पार्टी की रणनीति तैयार की जाएगी। सत्र के दौरान किन मुद्दों को प्रमुखता दी जाए, इस पर भी विचार होगा।दूसरे दिन 30 जुलाई को प्रदेश संगठन महामंत्री सहित सभी ज़िला अध्यक्षों और प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक होगी। यह बैठक पार्टी के हाल ही में चलाए गए जनसंपर्क अभियानों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा के लिए बुलाई गई है।
जिला अध्यक्षों से उनके क्षेत्र में संगठन की स्थिति और भविष्य की योजनाओं का ब्यौरा मांगा जाएगा। यह बैठक नए अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन की कार्यप्रणाली को मजबूती देने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।तीसरे दिन 31 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक में भाग लेंगे। इसमें मध्यप्रदेश से संबंधित लोकसभा और राज्यसभा के मुद्दों पर सांसदों से चर्चा की जाएगी और राज्यहित से जुड़े विषयों को केंद्र में प्रमुखता दिलाने की रणनीति बनाई जाएगी। इन बैठकों को भाजपा की आगामी रणनीतिक दिशा तय करने और नए नेतृत्व को मजबूत आधार देने के रूप में देखा जा रहा है
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